Section 52 in The Code of Criminal Procedure 1973

52 Cr.P.C. Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words:

इस धारा के अनुसार पुलिस अधिकारी को यह प्राधिकार प्राप्त है कि यदि वह गिरफ्तार किये गये अभियुक्त के पास कोई खतरनाक  हथियार पाए तो उसे अपनी अभिरक्षा में ले। इस प्रकार से अभिगृहीत हथियार को वह उस न्यायालय या अधिकारी की परिदत्त करेगा जिसके समक्ष गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को पेश किया जाना है।

52 Cr.P.C. आकामक आयुधों का अभिग्रहण करने की शक्ति-

वह अधिकारी या अन्य व्यक्ति, जो इस संहिता के अधीन गिरफ्तारी करता है, गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से कोई आक्रामक आयुध, जो उसके शरीर पर हों, ले सकता है और ऐसे लिए गए सब आयुध उस न्यायालय या अधिकारी को परिदत्त करेगा, जिसके समक्ष यह अधिकारी या गिरफ्तार करने वाला व्यक्ति गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को पेश करने के लिए इस संहिता द्वारा अपेक्षित है।

 

सुप्रीम  कोर्ट द्वारा  52 Cr.P.C. से  संबंधित  निर्णय

परमेश्वर सिंह बनाम राज्य 1963 क्रि० लॉज० 342 (इला० )के वाद में यह अभिनिर्धारित किया गया कि यदि उपनिरीक्षक गिरफ्तार किए गये व्यक्ति के पास से एक रिवाल्वर बरामद करता है तथा वह बरामदगी स्थल पर इसे सील करने में लोप करता है, तो उस दशा में उपनिरीक्षक का यह लोप (omission) अन्वेषण को दोषपूर्ण नहीं बना देगा। जहाँ बरामद की गयी पिस्तौल तथा गंडासे को सील तो किया गया हो परन्तु घटनास्थल पर उपस्थित साक्षियों का साक्ष्य नहीं लिया गया हो, तो उस दशा में न्यायालय ने यह अभिमत प्रकट किया कि यह बेहतर होता कि साक्षियों के हस्ताक्षर प्राप्त कर लिए जाते। बरामद किये गये हथियारों को सील करते समय साक्षियों के हस्ताक्षर न लिए जाने मात्र से मामले को दोषपूर्ण नहीं माना जा सकता है

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