– दो हिन्दुओं के बीच विवाह अनुष्ठापित किया जा सकेगा यदि निम्नलिखित शर्तें पूरी हो जाएं , अर्थात् :
( i ) विवाह के समय दोनों पक्षकारों में से , न तो वर की कोई जीवित पत्नी हो और न वधू का कोई जीवित पति हो ;
( ii ) विवाह के समय दोनों पक्षकारों में से कोई पक्षकार
( ii ) ( क ) चित्त – विकृति के परिणामस्वरूप विधिमान्य सम्पत्ति देने में असमर्थ न हो ; या
( ii ) ( ख ) विधिमान्य सम्पत्ति देने में समर्थ होने पर भी इस प्रकार के या इस हद तक मानसिक विकार से पीड़ित न रहा हो कि वह विवाह और सन्तानोत्पत्ति के लिए अयोग्य हो ; या
( ii ) ( ग ) उसे उन्मतत्ता [ xxx ] का बार – बार दौरा न पड़ता हो ;
( iii ) विवाह के समय घर ने इक्कीस वर्ष की आयु और वधु ने अठारह वर्ष की आयु पूरी की ली हो ,
( iv ) जब तक कि दोनों पक्षकारों में से हर एक को शासित करने वाली रूढ़ि या प्रथा से उन दोनों को बीच विवाह अनुज्ञात न हो , वे प्रतिषिद्ध नातेदारी की डिग्रियों के भीतर न हो ;
( v ) जब तक कि दोनों पक्षकारों में से हर एक को शासित करने वाली रूढ़ि या प्रथा से उन दोनों के बीच विवाह अनुज्ञात न हो , वे एक दूसरे के सपिण्ड न हो