42 Cr.P.C. नाम और निवास बताने से इन्कार करने पर गिरफ्तारी . –
( 1 ) जब कोई व्यक्ति जिसने पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में असंज्ञेय अपराध किया है या जिस पर पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में असंज्ञेय अपराध करने का अभियोग लगाया गया है , उस अधिकारी की मांग पर अपना नाम और निवास बताने से इन्कार करता है या ऐसा नाम या निवास बताता है , जिसके बारे में उस अधिकारी को यह विश्वास करने का कारण है कि वह मिथ्या है , तब वह ऐसे अधिकारी द्वारा इसलिए गिरफ्तार किया जा सकता है कि उसका नाम और निवास अभिनिश्चित किया जा सके ।
( 2 ) जब ऐसे व्यक्ति का सही नाम और निवास अभिनिश्चित कर लिया जाता है तब वह प्रतिभुओं सहित या रहित यह बंधपत्र निष्पादित करने पर छोड़ दिया जाएगा कि यदि उससे मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होने की अपेक्षा की गई तो वह उसके समक्ष हाजिर होगा :
• परन्तु यदि ऐसा व्यक्ति भारत में निवासी नहीं है तो ) वह बन्धपत्र भारत में निवासी प्रतिभू या प्रतिभुओं द्वारा प्रतिभूत किया जाएगा ।
( 3 ) यदि गिरफ्तारी के समय से चौबीस घंटों के अन्दर ऐसे व्यक्ति का सही नाम और निवास अभिनिश्चित नहीं किया जा सकता है या वह बन्धपत्र निष्पादित करने में या अपेक्षित किए जाने पर पर्याप्त प्रतिभू देने में असफल रहता है तो वह अधिकारिता रखने वाले निकटतम मजिस्ट्रेट के पास तत्काल भेज दिया जाएगा ।
सुप्रीम कोर्ट के 42 Cr.P.C. से संबंधित निर्णय
चारु चन्द्र मजुमदार बनाम राज्य , ए ० आई ० आर ० 1917 कल ० 253कोई व्यक्ति पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में असंज्ञेय अपराध ( non – cognizable offence ) करता है तथा पुलिस अधिकारी द्वारा पूछे जाने पर वह अपना नाम व पता नहीं बतलाता है या गलत नाम व पता बताता है । स्वाभाविकतः उसका वास्तविक नाम , पता व निवास आदि निश्चित करने के लिए पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है । गिरफ्तारी के बाद जब ऐसे व्यक्ति का सही नाम व पता व निवास सुनिश्चित कर लिया जाता है , तो उसे प्रतिभू सहित या रहित बंधपत्र निष्पादन करने पर छोड़ दिया जाएगा या आवश्यक होने पर उसे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा ।
शाहू बनाम इम्परर , . .ए ० आई ० आर ० 1921 इला ० 278 . यदि गिरफ्तारी के समय से चौबीस घंटे के अंदर पुलिस अधिकारी द्वारा ऐसे व्यक्ति का सही नाम व निवास सुनिश्चित नहीं किया जाता है या वह मांग पर पर्याप्त प्रतिभूति देने में असमर्थ रहता है , तो उस दशा में गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को तत्काल स्थानीय अधिकारिता रखने वाले निकटतम मजिस्ट्रेट के समक्ष भेजा जाएगा ।
वातिम सरसू बनाम स्टेट , ए ० आई ० आर ० 1954 हैदराबाद 906 इस धारा में प्रयुक्त पुलिस अधिकारी पद ‘ के अन्तर्गत वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मिलित माने जाएंगे । जब उपनिरीक्षक पुलिस थाने से अनुपस्थित रहे , तो उस दशा में थाने का मोहर्रिर भी पुलिस अधिकारी पद की परिधि में सम्मिलित माना जाएगा ।
सम्राट बनाम महादेव धोबी , आई ० एल ० आर ० 31 कल ० 557 यदि इस धारा के अधीन पुलिस अधिकारी द्वारा अभियुक्त को दोषपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया जाता है , तो वह व्यक्ति ( अभियुक्त ) ऐसी दोषपूर्ण गिरफ्तारी के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्यवाही कर सकेगा ।
सम्राट बनाम अमीर खान , 1883 ए ० डब्ल्यू ० एन ० 223 इस धारा के अन्तर्गत पुलिस अधिकारी द्वारा की गई गिरफ्तारी केवल तभी वैध होगी जब अभियुक्त ने • पुलिस अधिकारी के समक्ष उसकी उपस्थिति में कोई असंज्ञेय अपराध किया है या वह ऐसा अपराध करने के पश्चात् स्वेच्छा से , पुलिस थाने में आकर स्वयं को पुलिस के हवाले कर देता है
.
Like this:
Like Loading...
Related