section 18 Hindu Marriage Act 1955

18 H.M. act  Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words

हर व्यक्ति जो अपना कोई ऐसा विवाह करेगा जो

धारा 5 के खण्ड

( iii ) विवाह के समय घर ने इक्कीस वर्ष की आयु और वधु ने अठारह वर्ष की आयु पूरी की ली हो ,

धारा 5 के खण्ड ( iii ) में विनिर्दिष्ट शर्त  के उल्लंघन की दशा में ,सादे कारावास से जिसकी अवधि पन्द्रह दिन तक की हो सकेगी , या जुर्माने से , जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा ; अथवा दोनों से ,

( iv )जब तक कि दोनों पक्षकारों में से हर एक को शासित करने वाली रूढ़ि या प्रथा से उन दोनों को बीच विवाह को रोकती ना हो , वे प्रतिषिद्ध नातेदारी की डिग्रियों के भीतर न हो ;

( v ) जब तक कि दोनों पक्षकारों में से हर एक को शासित करने वाली रूढ़ि या प्रथा से उन दोनों के बीच विवाह अनुज्ञात न हो , वे एक दूसरे के सपिण्ड न हो

 बताई गई  शर्तों के उल्लंघन करते हुए हिन्दू विवाह किया गया हो वह

धारा 5 के खण्ड ( iv ) या खण्ड ( v ) में विनिर्दिष्ट शर्त के उल्लंघन की दशा में ,

सादे कारावास से , जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकगी , या जुर्माने से , जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा , अथवा दोनों से ।

Note निम्नलिखित कानूनी परिभाषा भी देखें।

                                                                       

 

H. M. Act,  section 18 हिन्दू विवाह की कतिपय अन्य शर्तों के उल्लंघन के लिए दण्ड

हर व्यक्ति जो अपना कोई ऐसा विवाह उपाप्त करेगा जो धारा 5 के खण्ड ( iii ) , ( iv ) और ( v ) में विनिर्दिष्ट शर्तों के उल्लंघन में इस अधिनियम के अधीन अनुष्ठापित किया गया हो वह

( क ) धारा 5 के खण्ड ( iii ) में विनिर्दिष्ट शर्त के उल्लंघन की दशा में ,

सादे कारावास से जिसकी अवधि पन्द्रह दिन तक की हो सकेगी , या जुर्माने से , जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा ; अथवा दोनों से ,

( ख ) धारा 5 के खण्ड ( iv ) या खण्ड ( v ) में विनिर्दिष्ट शर्त के उल्लंघन की दशा में ,

सादे कारावास से , जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकगी , या जुर्माने से , जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा , अथवा दोनों से ।

Leave a Comment