section 14 Hindu Marriage Act 1955

                                                 

H. M. Act,  section 14 विवाह से एक वर्ष के भीतर विवाह-विच्छेद

के लिए कोई अर्जी उपस्थापित न की जाएगी-

( 1 ) इस अधिनियम इस अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी , कोई भी न्यायालय विवाह – विच्छेद की डिक्री द्वारा विवाह के विघटन की कोई अर्जी ग्रहण करने के लिए तब तक सक्षम न होगा जब तक कि विवाह की तारीख से उस अर्जी के पेश किए जाने की तारीख से उस अर्जी के पेश किए जाने की तारीख तक एक वर्ष बीत न चुका हो :

• परन्तु न्यायालय उन नियमों के अनुसार किए गए आवेदन पर , जो उच्च न्यायालय द्वारा इस निमित्तं बनाए जाएं , किसी अर्जी का , विवाह की तारीख से एक वर्ष बीतने के पूर्व भी इस आधार पर उपस्थापित किया जाना अनुज्ञात कर सकेगा कि मामला अर्जीदार के लिए असाधारण कष्ट का है या प्रत्यर्थी की असाधारण दुराचारिता से युक्त है ; किन्तु यदि अर्जी की सुनवाई के समय न्यायालय को यह प्रतीत हो कि अर्जीदार ने अर्जी को उपस्थापित करने की इजाजत किसी दुर्व्यपदेशन या मामले की प्रकृति के प्रच्छादन द्वारा अभिप्राप्त वह , डिक्री देने की दशा में इस शर्त के अध्यधीन डिक्री दे सकेगा कि डिक्री तब तक सप्रभाव न होगी जब तक कि विवाह की तारीख से एक वर्ष , का अवसान न हो जाए अथवा उस अर्जी को ऐसी किसी अर्जी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना खारिज कर सकेगा जो उक्त एक वर्ष के अवसान के पश्चात् उन्हीं या सारतः उन्हीं तथ्यों पर दी जाए जो ऐसे खारिज की गई अर्जी के समर्थन में अभिकथित किए गए थे ।

( 2 ) विवाह की तारीख से एक वर्ष के अवसान से पूर्व विवाह – विच्छेद की अर्जी उपस्थापित करने की इजाजत के लिए इस धारा के अधीन किए गए किसी आवेदन का निपटारा करने में न्यायालय उस विवाह से उत्पन्न किसी अपत्य के हितों पर तथा इस बात पर ध्यान रखेगा कि पक्षकारों के बीच उक्त एक वर्ष के अवसान से पूर्व मेल – मिलाप की कोई युक्तियुक्त संभाव्यता है या नहीं ।

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