section 9 Hindu Marriage Act 1955

दाम्पत्य अधिकारों का प्रत्यास्थापन और न्यायिक पृथक्करण 9. दाम्पत्य अधिकारों का प्रत्यास्थापन – जब कि पति या पत्नि ने अपने को दूसरे के साहचर्य से किसी युक्तियुक्त प्रति हेतु के बिना प्रत्याहृत कर लिया हो तब व्यथित पक्षकार दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन
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Section 1 Hindu Marriage Act 1955

प्रारम्भिक 1. संक्षिप्त नाम और विस्तार- ( 1 ) यह अधिनियम हिन्दू विवाह अधिनियम , 1955 कहा जा सकेगा । ( 2 ) इसका विस्तार जम्मू – कश्मीर राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर है और यह उन राज्यक्षेत्रों में , जिन
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section 2 Hindu Marriage Act 1955

section 2 Hindu marriage act अधिनियम का लागू होना- ( 1 ) यह अधिनियम लागू है – ( क ) ऐसे किसी भी व्यक्ति को जो हिन्दू धर्म के किसी भी रूप या विकास के अनुसार , जिसके अन्तर्गत वीरशैव , लिंगायत
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section 3 Hindu Marriage Act 1955

section 3 Hindu Marriage Act परिभाषाएं – इस अधिनियम में , जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो , – ( क ) ” रूढ़ि ” और ” प्रथा ” , पद ऐसे किसी भी नियम का संज्ञान कराते हैं
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383 IPC IN HINDI

383 IPC Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words:उद्दापन(Extortion)(जबरदस्ती वसूली) :जो कोई  किसी व्यक्ति को या उससे संम्बध रखने वाले किसी अन्य व्यक्ति को शारीरिक, मानशिक,ख्याति,सम्पति सम्बधित नुकसान पोहुचाने के डर मे जान बूझकर डाल कर जिसके बाद डरे हुए व्यक्ति से
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382 IPC IN HINDI

382 ipc Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words: चोरी करने के लिये मृत्यु, उपहति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात् चोरी-  जो कोई चोरी करने के लिये, या बाद मे निकाल भागने के लिये, या चोरी की संपत्ति को
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381 IPC IN HINDI

381  ipc लिपिक या सेवक द्वारा स्वामी के कब्जे की संपत्ति की चोरी- जो कोई लिपिक(Clerk) या सेवक (Servant)होते हुए,या लिपिक या सेवक की हैसियत में नियोजित होते हुए,अपने मालिक या नियोक्ता के कब्जे की किसी संपत्ति की चोरी करेगा, वह दोनों में
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380 IPC IN HINDI

380 ipc Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words: निवास-गृह आदि में चोरी- जो कोई ऐसे किसी निर्माण, तम्बू या जलयान मे चोरी करेगा,जो निर्माण, तम्बू या जलयान मानव के रहने खाने सोने आदि के रूप में, या संपत्ति की रखने या
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