स्पष्टीकरण. – इस धारा के प्रयोजनों के लिए, “समुचित सरकार” पद से,- (क) उन मामलों में केन्द्रीय सरकार अभिप्रेत है, जिनमें दंडादेश मृत्यु का दण्डादेश है, या ऐसे विषय, जिस पर संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है, से संबंधित किसी विधि
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दण्ड. – अपराधी, इस संहिता के उपबंधों के अधीन जिन दण्डों से दायी हैं, वे हैं- (क) मृत्युः (ख) आजीवन कारावासः (ग) कारावास, जो दो प्रकार का है, अर्थात् :- (1) कठिन, अर्थात् कठोर श्रम के साथः (2) सादा; (घ) सम्पत्ति का
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(क) इस संहिता की वे धाराएं, जिनमें अपराधों की परिभाषाएं अन्तर्विष्ट हैं, यह अभिव्यक्त नहीं करती कि सात वर्ष से कम आयु का बालक ऐसे अपराध नहीं कर सकता, किन्तु परिभाषाएं उस साधारण अपवाद के अध्यधीन समझी जानी हैं जिसमें यह उपबन्धित
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(1) “कार्य” कार्यों की एक आवलि का उसी प्रकार द्योतक है, जिस प्रकार एक कार्य का: (2) “जीवजंतु” से मानव से भिन्न कोई जीवित प्राणी अभिप्रेत है। (3) “बालक” से अठारह वर्ष से कम आयु का कोई व्यक्ति अभिप्रेत है; (4) “कूटकरण”.-कोई
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(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम भारतीय न्याय संहिता, 2023 है । (2) यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा, जो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे और इस संहिता के भिन्न-भिन्न उपबंधों के लिए भिन्न-भिन्न तारीखें नियत की जा सकेंगी
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