428 IPC Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words:दस रुपए या अधिक के मूल्य के जीव जन्तु को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि
जो कोई दस रुपए या उससे अधिक के मूल्य के किसी जीवजन्तु या जीवजन्तुओं को वध करने, विष देने, विकलांग करने या निरुपयोगी बनाने द्वारा रिष्टि करेगा ‘विकलांग’ का मतलब स्थाई क्षति से है जिससे पशु के शरीर का कोई अंग इस प्रकार से प्रभावित हो जाए कि वह अपना कार्य न कर सके,’निरुपयोगी का मतलब जिस कार्य के लिए उसका उपयोग किया जाता था उसके लिए अब वह उपयोगी न रह जाए।आज के समय में दस रुपये की राशि अत्यधिक कम है। अधिकांश मामलों में किसी जीव-जन्तु का वध करना, विष देना, विकलांग करना, या निरुपयोगी बनाना इसी धारा में आ जाएगा क्योंकि लगभग अधिकतर जीव-जन्तु दस रुपये या उससे अधिक मूल्य के होंगे पर यह धारा 429 में वर्णित शर्तों के अध्यधीन है।यानि जीवजन्तु की मूल्य 50 रुपए हो उससे अधिक हो तो 428 की जगह 429 लागू होगी इसका ये मतलब निकाल जा सकता है की आज के समय मे ये धारा काम नही आती इसकी जगह 429 आईपीसी का प्रयोग होगा
Note निम्नलिखित कानूनी परिभाषा भी देखें।
428 IPC दस रुपए के मूल्य के जीव जन्तु को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि—
जो कोई दस रुपए या उससे अधिक के मूल्य के किसी जीवजन्तु या जीवजन्तुओं को वध करने, विष देने, विकलांग करने या निरुपयोगी बनाने द्वारा रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, “जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
Note: धारा 428 के अधीन अपराध असंज्ञेय, जमानतीय और पशु के स्वामी द्वारा शमनीय है यदि विचारणीय न्यायालय ने ऐसा करने की अनुमति दे दी हो, और यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।