जो कोई इस अधिनियम के पारित होने के पश्चात् किसी भी समय ऐसे व्यक्तियों की किसी घूमती – फिरती या अन्य टोली का होगा , जो अभ्यासत : चोरी या लूट करने के प्रयोजन से सहयुक्त हों और वह टोली ठगों या डाकुओं की टोली न हो , वह कठिन कारावास से , जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी , दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
टिप्पणी
धारा 400 की तरह यह धारा भी टोली के व्यक्तियों से सम्बन्धित है । इस धारा में पूर्ववर्ती धारा की तरह सादा कारावास की व्यवस्था नहीं है । पूर्ववर्ती धारा में जबकि टोली डकैतों की टोली है , इसलिए उसके अधीन अपराध इस धारा के अधीन अपराध से कहीं अधिक गम्भीर है । इस धारा के अधीन टोली चोरों या लूट करने वालों की है ।
इन री अकबर अली , 1981 क्रि ० एल ० जे ० एन ० ओ ० सी ० 36 ( मद्रास ) और पन्हारा नाडार बनाम राज्य , प आई ० आर ० 1991 एस ० सी ० 391 , अभियुक्त जिस टोली का है वह टोली ऐसी होनी चाहिए जो ऐसे व्यक्तियों को कोई • घूमती – फिरती या अन्य टोली हो जो अभ्यासतः चोरी या लूट करने के प्रयोजन से सहयुक्त हों ।परन्तु ऐसी टोली ठगों या डाकुओं की नहीं होनी चाहिए । टोली सामूहिक रूप से एक होकर कार्य करती है , और टोली का होना का अर्थ मात्र टोली से जुड़े रहने से कहीं अधिक है । अधिक अवधि तक साथ बने रहने का तथ्य होना चाहिये । अभ्यास के रूप में टोली के द्वारा चोरी या लूट की जाती रहनी चाहिये ।
अब्दुल बनाम एम्प 1927 क्रि ० एल ० जे ० 179 . चुराई गई सम्पत्ति का अभ्यासतः व्यापार करना इस धारा के अधीन नहीं बल्कि धारा 413 के अधीन दंडनीय है , और ऐसा व्यक्ति टोली का व्यक्ति नहीं है
इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय , अजमानतीय और अशमनीय है , और यह प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है ।