376A IPC IN HINDI

376A IPC पीड़िता की मृत्यु या लगातार विकृतशील दशा कारित करने के लिए दण्ड- जो कोई, धारा 376 की उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन दंडनीय कोई अपराध करता है और ऐसे अपराध के दौरान ऐसी कोई क्षति पहुंचाता है जिससे स्त्री की मृत्यु कारित हो जाती है या जिसके कारण उस स्त्री की दशा लगातार विकृतशील हो जाती है, वह ऐसी अवधि के कठोर कारावास से, जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, या मृत्युदंड से दंडित किया जाएगा । ]

संज्ञेय संज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही)
जमानत गैर जमानतीय
विचारणीय सत्र न्यायलय
समझौता नही किया जा सकता

टिप्पणी

दण्ड विधि विधि (संशोधन) अधिनियम, 2013 के द्वारा प्रतिस्थापित । इस नई धारा के अनुसार, धारा 376 (1) या धारा 376 (2) के अधीन दण्डनीय अपराध करने वाला पुरूष यदि ऐसे अपराध के दौरान ऐसी क्षति पहुंचाता है जिससे स्त्री की मृत्यु हो जाती है या उसकी दशा लगातार विकृतशील हो जाती है तो उसे न्यूनतम बीस वर्ष के कठोर कारावास से या आजीवन कारावास से, जिसका अर्थ उस पुरूष के शेष प्राकृतकाल के लिये कारावास होगा या अधिकतम मृत्युदण्ड से दण्डित किया जायेगा । इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय और अजमानतीय है और सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है ।

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