369 IPC IN HINDI

369 IPC Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words: शिशु जो दस वर्ष से कम आयु का है उसके शरीर पर से कोई चल सम्पति बेईमानी से चोरी (378 ipc) करने के आशय से उसका व्यपहरण (359 ipc) या अपहरण (364 ipc) करता है वह 369 के अनुसार दंण्डीत  होगा ।

Note निम्नलिखित कानूनी परिभाषा भी देखें।

                                                                             

 

369 IPC दस वर्ष से कम आयु के शिशु के शरीर पर से चोरी करने के आशय से उसका व्यपहरण या अपहरण – जो कोई दस वर्ष से कम आयु के किसी शिशु का इस आशय से व्यपहरण या अपहरण करेगा की ऐसे शिशु के शरीर पर से कोई जंगम संपत्ति बेईमानी से ले ले, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगई, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

 

                                                                                                    टिप्पणी

दस वर्ष से कम आयु के शिशु के शरीर पर से चोरी करने के आशय से उसका व्यपहरण या अपहरण इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है । इसके अनुसार, जो कोई दस वर्ष से कम आयु के किसी शिशु का इस आशय से व्यपहरण या अपहरण करेगा की ऐसे शिशु के शरीर पर से कोई जंगम संपत्ति बेईमानी से ले ले, वह सात वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से दंडित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

इस धारा के अधीन अभियुक्त के द्वारा दस वर्ष से कम आयु के किसी शिशु का व्यपहरण या अपहरण किया गया होना चाहिए । अभियुक्त का आशय उस शिशु के शरीर पर से कोई जंगम संपत्ति बेईमानी से ले लेना होना चाहिए । अधिकतर मामलो में यह जंगम संपत्ति या तो शिशु के द्वारा पहने हुए गहने होते है या उसके पास धन होता है ।

संज्ञेय संज्ञेय
जमानत गैर जमानतीय
विचारणीय प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
समझौता नही किया जा सकता

Leave a Comment