367 IPC IN HINDI
367 ipc Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words: व्यक्ति को गंभीर चोट ,गुलाम ,कामवासन , आदि का विषय बनाने के उद्देश्य से व्यपहरण या अपहरण –जो कोई किसी स्त्री का या पुरष का व्यपहरण(359 ipc ) या अपहरण (362 ipc)इसलिए करेगा कि उसे घोर उपहति( 320 ipc ) या गुलाम बनाने के लिए या किसी व्यक्ति के साथ प्रकृति विरुद्ध कामवासन ( मामूली तौर पर जो शारीरिक संबंध का तरीका है उससे अलग तरीकों का प्रयोग करना जिन्हें समाज में बुरा या प्रकृति के विरुद्ध समझा जाता है ) या देह व्यापार के प्रयोग मे लिए जाने या वैसे उसे प्रयोग करे किया जाए की ऐसे उपयोग में लिए जाने के खतरे में पड़ सकता है या ऐसी सम्भावना कों जानते हुए करेगा कि ऐसे व्यक्ति को इन कार्यों में से किन्ही के प्रयोग में लिया जाएगा ।
Note निम्नलिखित कानूनी परिभाषा भी देखें।
367 ipc व्यक्ति को घोर उपहति , दासत्व आदि का विषय बनाने के उद्देश्य से व्यपहरण या अपहरण – जो कोई किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण इसलिए करेगा की उसे घोर उपहति या दासत्व का या किसी व्यक्ति की प्रकृति-विरुद्ध कामवासना का विषय बनाया जाए याअ बनाये जाने के खतरे में जैसे पड़ सकता है वैसे उसे व्ययनित किया जाए या यह संभाव्य जानते हुए करेगा की ऐसे व्यक्ति को उपर्युक्त बातों का विषय बनाया जाएगा या उपर्युक्त रूप से व्ययनित किया जाएगा , वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से , जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी , दंडित किया जाएगा , और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
टिप्पणी
व्यक्ति जो घोर उपहति , दासत्व आदि का विषय बनाने के उद्देश्य से उसका व्यपहरण या अपहरण करना इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है । इसके अनुसार , जो कोई किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण इसलिए करेगा की उसे घोर उपहति या दासत्व का या किसी व्यक्ति की प्रकृति विरुद्ध कामवासना का विषय बनाये जाए या बनाये जाने के खतरे में वह जैसे पढ़ सकता है वैसे उसे व्ययनित किया जाए , या यह संभावना जानते हुए करेगा की ऐसे व्यक्ति को उपर्युक्त बातों का विषय बनाया जाएगा , और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
इस धारा के अधीन दायित्व के लिए अभियुक्त के द्वारा किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण किया गया होना चाहिए । ऐसा इसलिए किया जाना चाहिए की उसे घोर उपहति या दासत्व का या किसी व्यक्ति की प्रकृति विरुद्ध कामवासना का विषय बनाया जाए , या बनाए जाने के खतरे में वह जैसे पड़ सकता है वैसे उसे व्ययनित किया जाए , या यह संभावना जानते हुए की ऐसे व्यक्ति को उपर्युक्त बातों का विषय बनाया जाएगा या उपर्युक्त रूप से व्ययनित किया जाएगा , ऐसा किया जाए ।
संज्ञेय | संज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही) |
जमानत | गैर जमानतीय |
विचारणीय | सत्र न्यायालय |
समझौता | नही किया जा सकता |