360 IPC In Hindi
360 IPC भारत में से व्यपहरण (kidnapping) – जो कोई किसी व्यक्ति का , उस व्यक्ति की , या उस व्यक्ति की ओर से संपत्ति देने के लिए वैध रूप से प्राधिकृत किसी व्यक्ति की संपत्ति के बिना , भारत की सीमाओं से परे प्रवहण कर देता है , वह भारत में से उस व्यक्ति का व्यपहरण करता है , यह कहा जाता है ।
Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words: अगर कोई व्यक्ति किसी बालिग (18+) या नाबालिग [under 18] को या मंद बुद्धि किसी व्यक्ति को जो की कानूनन अपने माता-पिता या संरक्षक की संरक्षकता में हो और ऐसे व्यक्ति को कोई व्यक्ति उसके माता-पिता या संरक्षक की सहमति के बिना बहलाकर, फुसलाकर,लालच देकर,छल ,बल या किसी भी तरीके भारत से बाहर ले जाता है या भेझता है, तो यह कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति ने भारत मे से व्यपहरण किया है |
टिप्पणी
यह धारा भारत में से व्यपहरण के अपराध को परिभाषित करती है । इसके अनुसार , जो कोई किसी व्यक्ति का , उस व्यक्ति की संपत्ति के बिना , या उस व्यक्ति की ओर से संपत्ति देने के लिए वैध रूप से प्राधिकृत किसी व्यक्ति की संपत्ति के बिना , भारत की सीमाओं के परे प्रवहरण कर देता है , वह भारत में से उस व्यक्ति का व्यपहरण करता है । इस धारा के अनुसार इस अपराध के लिए यह आवश्यक है की किसी व्यक्ति का भारत की सीमाओं से परे प्रवहरण करना आवश्यक है । यह कार्य या तो उस व्यक्ति की संपत्ति के बिना किया गया होना चाहिए या उस व्यक्ति की ओर से संपत्ति देने के लिए वैध रूप से प्राधिकृत व्यक्ति की संपत्ति के बिना किया गया होना चाहिए । जिस व्यक्ति का व्यपहरण किया जाना है , इस धारा के अनुसार उसकी आयु का कोई महत्व नहीं है । इस प्रकार यह अपराध वयस्क और अवयस्क दोनों प्रकार के व्यक्ति के विरुद्ध कार्य किया जा सकता है । सम्मति प्रत्यक्ष या विवक्षित हो सकती है और इसका अर्थ वही है जो संहिता की धारा 90 में उल्लिखित है ।