354D IPC In Hindi

354D IPC पीछा करना-(Stalking) (1) ऐसा कोई पुरुष , जो­­-

(Ⅰ) किसी स्त्री का उससे व्यक्तिगत अन्योन्यक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए , उस स्त्री द्वारा स्पष्ट रूप से अनिच्छा उपदर्शित किए जाने के बावजूद , बारंबार पीछा करता है और संपर्क करता है या संपर्क करने का प्रयत्न करता है ; अथवा

(Ⅱ) जो कोई किसी स्त्री द्वारा इंटरनेट , ई-मेल या किसी अन्य प्ररूप की ईलेक्ट्रॉनिक संसूचना का प्रयोग किए जाने को मानीटर करता है ,

पीछा करने का अपराध करता है :

परंतु ऐसा आचरण पीछा करने की कोटी में नहीं आएगा , यदि वह पुरुष , जो ऐसा करता है , यह साबित कर देता है की –

(Ⅰ) ऐसा कार्य अपराध के निवारण या पता लगाने के प्रयोजन के लिए किया गया था और पीछा करने के अभियुक्त पुरुष को राज्य द्वारा उस अपराध के निवारण और पता लगाने का उत्तरदायित्व सोपा गया था; या

(Ⅱ) ऐसा किसी विधि के अधीन या किसी विधि के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा अधिरोपित किसी शर्त या अपेक्षा का पालन करने के लिए किया गया था ; या

(Ⅲ) विशिष्ट परिस्थितियों में ऐसा आचरण कार्य युक्तियुक्त और न्यायोचित था ।

(2) जो कोई पीछा करने का अपराध करता है , वह प्रथम दोषसिद्धि पर किसी भांति के कारावास से जो तीन वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माने का भी दायी होगा तथा दूसरी अथवा पश्चातवर्ती दोषसिद्धि पर किसी भांति के कारावास से जो पाँच वर्ष तक का हो सकेगा तथा जुर्माने का भी दायी होगा । ]

Kanoon Ki Roshni Mien Words-: ऊपर दी गई परिस्थितिया यह बताती है कि अगर कोई व्यक्ति किसी स्त्री से संपर्क बनाने के लिए उसका पीछा करता है और पीछा शारीरिक रूप से करे या इंटरनेट ई मेल आदि से करे इस धारा के तहत दंडनीय है !

टिप्पणी

यह धारा भी स्त्री का पीछा करने के लिए केवल पुरुष को दंडित करती है , किसी स्त्री को नहीं । इसकी उपधारा (1) के अनुसार , ऐसा कोई पुरुष जो (Ⅰ) किसी स्त्री का उससे व्यक्तिगत अन्योन्यक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए , उस स्त्री द्वारा स्पष्ट रूप से अनिच्छा उपदर्शित किए जाने के बावजूद बारम्बार पीछा करता है और संपर्क करता है या संपर्क करने का प्रयत्न करता है ; अथवा (Ⅱ) जो कोई किसी स्त्री द्वारा इंटरनेट , ई-मेल या किसी अन्य प्रारूप की इलेक्ट्रॉनिक संसूचना का प्रयोग किए जाने को मॉनिटर करता है ; अथवा (Ⅲ) अथवा किसी स्त्री को ऐसी किसी रीति में एकटक देखता है या उसकी जासूसी करता है , जिसके परिणामस्वरूप उस स्त्री के मन में हिंसा या गंभीर संत्रास या कष्ट का भय व्याप्त हो जाता है अथवा उस स्त्री की मानसिक शांति में व्यवधान पढ़ता है , पीछा करने का अपराध करता है । इस उपबंध में तीन परिस्थितियां भी उल्लिखित है जिनमे यह अपराध नहीं होगा । यदि ऐसा करने वाला पुरुष यह साबित कर देता है की (Ⅰ) ऐसा कार्य अपराध के निवारण या पता लगाने के प्रयोजन के लिए किया गया था जिसके लिए उस पुरुष को राज्य द्वारा ऐसा दायित्व सोपा गया था ; या (Ⅱ) ऐसा किसी विधि के अधीन या विधीन के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा अधिरोपित किसी शर्त या अपेक्षा का पालन करने के लिए किया गया था ; या (Ⅲ) विशिष्ट परिस्थितियों में ऐसा आचरण कार्य युक्तियुक्त और न्यायोचित था । इस अपराध के दंड के सम्बन्ध में उपधारा (2) के अनुसार न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम पाँच वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास की व्यवस्था है और यह अपराध जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय और अजमानतीय है और किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

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