354 IPC In Hindi

354 IPC स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग – जो कोई किसी स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से या यह संभाव्य जानते हुए की तदद्वार वह उसकी लज्जा भंग करेगा , उस स्त्री पर हमला करेगा या आपराधिक बल का प्रयोग करेगा , [वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से , जिसकी अवधि एक वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो पाँच वर्ष तक की हो सकेगी , दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

Kanoon Ki Roshni Mien Words-: इस धारा मे किसी स्त्री पर ऐसा हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उस स्त्री की लज्जा को भंग (Outrage Her Modesty)के लिए किया गया हो तो एस धारा मे दंडनीय होगा !

टिप्पणी

स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से या इसकी संभावना जानते हुए उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है । इसके अनुसार , जो कोई किसी स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से या इस बात  की संभावना जानते हुए की उसकी द्वारा वह उसकी लज्जा भंग करेगा , उस स्त्री पर हमला करेगा या आपराधिक बल का प्रयोग करेगा , वह न्यूनतम एक वर्ष के और अधिकतम पाँच वर्ष के सादा या कठिन कारावास से दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

इस धारा के अंतर्गत किसी स्त्री पर हमला करना , या आपराधिक बल का प्रयोग किया जाना आवश्यक है । ‘स्त्री’ शब्द की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 10 में दी गई गई है जिसके अनुसार यह शब्द किसी भी आयु की मानव नारी का घोतक है । अपराधी का आशय स्त्री की लज्जा भंग करना होना चाहिए या उसे इस धारा इस संभावना की जानकारी होनओ चाहिए की उसके द्वारा वह लज्जा भंग करेगा ।

जहां अभियुक्त छह वर्ष की एक बालिका को एक कमरे के भीतर ले गया , उसने उसे लिटा दिया और स्वयं उसके ऊपर लेट गया , और बालिका भय से चिल्लाकर भाग गई , इस आशय को लागू किया गया, जहां अभियुक्त ने एक बस में एक स्त्री के पेट का स्पर्श किया , अपेक्षित आशय या ज्ञान के अभाव में इसे केवल दुर्घटना अभिनिर्धारित किया गया जिसमें यह धारा लागू नहीं की गई । स्त्री का हाथ पाकड़ कर खींचना और साथ में संभोग का अनुरोध किया जाना धारा 354 के अधीन अपराध है ।

राम प्रताप बनाम राजस्थान राज्य में अभियुक्त अभिकथित रूप से उस समय पीड़ित के घर गया जिस समय वह अकेली थी और उसको एक चारपाई पर लेटाकर उसने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया । अभियुक्त ने बलातसंग की कोई तैयारी नहीं की थी और न ही उसने अपने कपड़े उतारे । राजस्थान उच्च न्यायालय ने अभियुक्त को धारा 354 के अधीन दोषी ठहराया ।

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