350 ipc in hindi
350 IPC आपराधिक बल ( Crimnal Force )– जो कोई किसी व्यक्ति पर उस व्यक्ति की सम्मति के बिना बल का प्रयोग किसी अपराध को करने के लिए या उस व्यक्ति को , जिस पर बल का प्रयोग किया जाता है , क्षति , भय या क्षोभ , ऐसे बल के प्रयोग से कारित करने के आशय से , या ऐसे बल के प्रयोग से संभवत: कारित करेगा , यह जानते हुए साशय करता है , वह उस अन्य व्यक्ति पर आपराधिक बल का प्रयोग करता है , यह कहा जाता है ।
Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words: यह धारा यह बात बताती है कि अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति पर उसकी मर्जी के बिना उस अन्य व्यक्ति के शरीर पर जानबूझकर ( intentionally ) बल ( force ) का प्रयोग करता है (बल = force को 349 आईपीसी मे समझाया गया है ) जिससे उसको क्षति (injury), भय (fear), क्षोभ (annoyance) कारित हो तब यह कहा जाता है ऐसा करने वाले ने आपराधिक बल का प्रयोग इया है
दृष्टांत
क कसी स्त्री का घूँघट साशय हटा देता है । यहाँ , क ने उस पर साशय बल का प्रयोग किया है , और यदि उसने उस स्त्री की सम्मति के बिना यह कार्य यह आशय रखते हुए या यह संभाव्य जानते हुए किया है की उससे उसको क्षति , भय या क्षोभ उत्पन्न हो , तो उसने उस पर आपराधिक बल का प्रयोग किया है ।
टिप्पणी
यह धारा ‘आपराधिक बल’ की परिभाषा देती है । इसके अनुसार , जो कोई किसी व्यक्ति पर उस व्यक्ति की सम्मति के बिना बल का प्रयोग किसी अपराध को करने के लिए या उस व्यक्ति को , जिस पर बल का प्रयोग किया जाता है , क्षति , भय या क्षोभ , ऐसे बल के प्रयोग से कारित करने के आशय से , या ऐसे बल के प्रयोग से संभवत: कारित करेगा , यह जानते हुए साशय करता है , वह उस अन्य व्यक्ति पर आपराधिक बल का प्रयोग करता है ।
इस परिभाषा से स्पष्ट है की आपराधिक बल में अपराधी साशय बल का प्रयोग करता है । यह बल किसी व्यक्ति पर ही प्रयोग किया जाना आवश्यक है । बल के प्रयोग में उस व्यक्ति की सम्मति नहीं होनी चाहिए जिस पर बल का प्रयोग किया जाता है । अपराधी के द्वारा बल का प्रयोग कोई अपराध कारित करने के लिए किया जाता है , या उस व्यक्ति को , जिस पर बल का प्रयोग किया जाता है, क्षति , भय या क्षोभ कारित करने के आशय से , या क्षति , भय या क्षोभ की संभावना जानते हुए साशय कारित किया जाता है ।