346 IPC In Hindi

346 IPC  गुप्त स्थान में सदोष परिरोध – जो कोई किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध इस प्रकार करेगा जिससे यह आशय प्रतीत होता हो की ऐसे परिरुद्ध व्यक्ति से हितबद्ध किसी व्यक्ति को या किसी लोक सेवक को ऐसे परिरोध की जानकारी न होने पाए या एतस्मिनपूर्व वर्णित किसी ऐसे व्यक्ति या लोक सेवक को , ऐसे परिरोध के स्थान की जानकारी न होने पाए या उसका पता वह न पता चला पाए , वह उस दंड के अतिरिक्त जिसके के लिए वह ऐसे सदोष परिरोध के लिए दंडनीय हो , दोनों में से किसी भांति के कारावास से , जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी , दंडित किया  जाएगा ।

Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words: यहाँ सदोष परिरोध को समझने की लिए हम यह बोल सकते है किसी को चारदीवारी मे कैद किया है – अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को ऐसे किसी गुप्त स्थान मे सदोष परिरोध करता है जिससे उस व्यक्ति के परिवार या हितबद्ध व्यक्ति या कोई लोक सेवक पता न लगा सके कि परिरोध किस स्थान मे किया गया हैं तो यह कहा जाएगा कि अपराधी ने सदोष परिरोध किसी गुप्त स्थान मे किया है !

टिप्पणी

गुप्त स्थान में सदोष परिरोध इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है । इसके अनुसार , जो कोई किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध इस प्रकार करेगा जिससे यह आशय प्रतीत होता हो की ऐसे परिरुद्ध व्यक्ति से हितबद्ध किसी व्यक्ति को या किसी लोक सेवक को ऐसे व्यक्ति के परिरोध की या परिरोध के स्थान की जानकारी न होने पाए या उसका पता वह न चला पाए , वह उस दंड के अतिरिक्त , जिसके लिए वह ऐसे सदोष परिरोध के लिए दंडनीय हो , दो वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से दंडित किया जाएगा । पूर्ववर्ती की धारा की तरह इस धारा के अंतिम भाग से भी यह स्पष्ट होता है की इस धारा के अधीन अपराध गम्भीर है ।

इस धारा के अधीन किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध किया गया होना चाहिए । उस परिरोध से अभियुक्त का यह आशय प्रतीत होना चाहिए की ऐसे परिरुद्ध व्यक्ति से हितबद्ध किसी व्यक्ति को या किसी लोक सेवक को ऐसे परिरोध की या परिरोध के स्थान की जानकारी न होने पाए या उसका पता वह न लगा पाए ।

इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय , जमानतीय और विचारणीय न्यायालय के द्वारा अनुमति दिए जाने पर श्मनीय है , और वह प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है ।

Leave a Comment