337 ipc in hindi
337 आईपीसी– ऐसे कार्य द्वारा उपहति कारित करना,जिससे दूसरों का जीवन या व्यक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए – जो कोई ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से कोई कार्य करने द्वारा , जिससे मानव जीवन या दूसरों का व्यक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए , किसी व्यक्ति को उपहति करीत करेगा , वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से , जिसकी अवधि छ: मास तक की हो सकेगी , या जुर्माने से , जो छ: मास तक का हो सकेगा , या दोनों से , दंडित किया जाएगा ।
Explanation In Kanoon Ki Roshni Mein Words: अगर कोई व्यक्ति उतावपलेपन या उपेक्षा (rashly or negligently) से ऐसा कोई ऐसा कार्य करता है जिससे किसी व्यक्ति के जीवन को संकट या व्यक्तिगत क्षेम (personal safety) या कोई खतरा उत्पन्न हो जाए और वो ऐसा कार्य करके किसी व्यक्ति को उपहति (simple hurt)कारित करता है तो धारा 337 आईपीसी के अंतर्गत दंडनीय अपराध करता है !
टिप्पणी
यह धारा उतावलेपन या उपेक्षा से ऐसे कार्य द्वारा उपहति कारित करने को दंडित करती है जिससे दूसरों का जीवन या व्यक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए । इसके अनुसार , जो कोई उतावलेपन या उपेक्षा से कोई कार्य करने द्वारा जिससे मानव जीवन या दूसरों का व्यक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए किसी व्यक्ति की उपहति कारित करेगा , वह छ: मास तक के सादा या कठिन कारावास से , या पाँच सों रुपये तक के जुर्माने से , या दोनों से , दंडित किया जाएगा ।
इस धारा के अंतर्गत अभियुक्त के द्वारा उतावलेपन या उपेक्षा से कार्य किया जाना चाहिए , और ऐसे कार्य से मानव जीवन या दूसरों का व्यक्तिक क्षेम संकटापन्न होना चाहिए , तथा किसी व्यक्ति को उपहति कारित की गई होना चाहिए इस धारा को धाराओ 336 और 338 के साथ पढ़ा जाना चाहिए । उतावलेपन और उपेक्षा की संकल्पनाओ पर धारा 304-क की टिप्पणी के अंतर्गत विस्तृत चर्चा की जा चुकी है । धारा 337 में अभियुक्त का किसी प्रकार का आशय नहीं होता ।
जहां बस चलाते हुए चालक ने अचानक ब्रेक लगाए और बस खंभे से टकरा गई , उसे इस धारा के अधीन दोषी नहीं ठहराया गया क्यूंकी किसी को भी क्षति कारित नहीं नहीं हुई थी । जहां एक कार चालक ने अपनी कार का दरवाजा अचानक खोल दिया जिससे एक साइकिल चालक चोटग्रस्थ हो कर गिर पड़ा और पीछे से आ रही एक लॉरी ने साइकिल चालक को कुचल दिया । यह अभिनिर्धारित किया गया की लॉरी के द्वारा कुचले जाने के प्रत्यक्ष परिणाम से मृत्यु होने के कारण , केवल उसके चालक को धारा 304-क के अधीन दोष सिद्ध करना उचित होगा , जबकि कार चालक , जिसने कुछ उपेक्षापूर्ण कार्य किया था , धारा 337 के अधीन दंडनीय है ।
इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय , जमानतीय और शमनीय है यदि विचारण न्यायालय ने इसकी अनुमति दी हो , और यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है ।