18 अप्रेल 2024 हिंदुस्तान के सभी कोर्ट से आने वाली बड़ी जानकारी जानिए इस पोस्ट के माध्यम से ! 18 April 2024: Know the big information coming from all the courts of India through this post !
स्वागत है आप सबका कानून की रोशनी की वैबसाइट पर जहां हम आपको हिंदुस्तान के सभी कोर्ट से आने वाली ताजा अपडेट देंगे इस पोस्ट में हम आपको संक्षेप में सारी अपडेट देने की कोशिश करेंगे तो चलिए शुरू करते हैं
1। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 18 अप्रैल को वॉटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी VVPAT के साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM डाटा के 100% सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया आज दिन भर चली सुनवाई के बाद जो 16 अप्रैल को आधे दिन की सुनवाई के बाद हुई थी जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्ता की एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी ADR और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा विशेष रूप से आज की सुनवाई के दौरान पीठ ने EVM की कार्य प्रणाली और सुरक्षा विशेषताओं को समझने के लिए भारत के चुनाव आयोग यानी इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया के एक अधिकारी के साथ व्यापक बातचीत की !
2। प्रवर्तन निदेशालय यानी गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि उनका शुगर लेवल बढ़ा हुआ है लेकिन वह जेल में आम मिठाई और चीनी वाली चाय खा और पी रहे ED के विशेष वकील जोहैब हुसैन ने विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा को बताया कि केजरीवाल मामले में जमानत के लिए शुगर के स्तर में वृद्धि को आधार बनाना चाहते हैं अदालत केजरीवाल की उस अर्जी पर सुनवाई कर रही थी जिसमें वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल में अपने नियमित डॉक्टर से परामर्श करने की अनुमति मांगी गई उन्होंने कहा कि उनके ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव हो रहा है और इसीलिए वह अपने नियमीत डॉक्टर से परामर्श करना चाहते हैं अदालत ने आवेदन का निपटारा करते हुए मामले को कल के लिए सूचीबद्ध कर दिया और तिहाड़ जेल अधिकारियों से केजरीवाल पर उनके आदर सहित मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करने को कहा मामले की सुनवाई कल दोपहर 2:00 बजे है
3.सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 18 अप्रैल को भारत के चुनाव आयोग से इस आरोप की जांच करने को कहा कि केरल में मॉक पोल के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों यानी EVM में बीजेपी के पक्ष में अतिरिक्त वोट दर्ज किए गए थे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता की पीठ ने यह मौखिक निर्देश तब पारित किया जब EVM व VVPAT मामले की सुनवाई के दौरान एवं मुद्दे से संबंधित एक रिपोर्ट उसके ध्यान में लाई गई एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने केरल के कासरगोड निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम पर किए गए मोक पोल के संबंध में उठाई गई शिकायतों के बारे में मनोरमा ऑनलाइन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला दिया
4. दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्रालय पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र को रद्द कर दिया जिसमें कई खतरनाक और पूर्व कुत्तों की नसलों के आयात प्रजनन और बिक्री पर रोक लगाई गई थी कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने 12 मार्च को जारी परिपत्र को तब रद्द कर दिया जब केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि अगर इसे रद्द कर दिया जाए और नया परिपत्र जारी करने का निर्देश दिया जाए तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है अदालत ने कहा भारत संघ के विद्वान वकील के उपरोक्त बयान को ध्यान में रखते हुए 12 मार्च 2024 के विवादित परिपत्र को रद्द किया जाता है
5. मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि मोटर दुर्घटना के मामलों में केवल अस्पताल ले गए व्यक्ति की सांसों में शराब की गंध आना या गा आना उसे व्यक्ति को अंश दी लापरवाही का दोषी मानने का आधार नहीं है अदालत ने कहा कि ज्यादातर मामलों में डॉक्टरों ने रक्त में अल्कोहल की प्रतिशत का पता लगाने का कोई प्रयास किए बिना केवल यह संकेत दिया की सांस से शराब की गंध आ रही है न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश ने कहा कि यह निर्धारण यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि शराब पीने वाले व्यक्ति के पास वाहन चलाने का अधिकार है या नहीं इस प्रकार अदालत ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को निजी अस्पतालों सहित सभी अस्पतालों को परिपत्र जारी करने का निर्देश दिया ताकि किसी घायल या शराब की गंध आने पर रक्त में अल्कोहल के स्तर का आकलन किया जा सके
6. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बलात्कार के एक दोषी को समय से पहले रिहाई देने से इनकार कर दिया जिसने अपनी नाबालिक सौतेली बेटी के साथ बार-बार यौन उत्पीड़न करके परिणाम स्वरुप उसे गर्भवती कर दिया राहत देने से इनकार करते हुए न्यायमूर्ति निधि गुप्ता ने कहा कि चंडीगढ़ में दोषियों को समय से पहले रिहाई के लिए लागू 1991 की नीति के अनुसार नाबालिक पीड़िता के साथ बार-बार बलात्कार को जगन्ने अपराध की समय पूर्व रिहाई के प्रयोजनों के लिए नीति की सूची में शामिल नहीं किया गया है याचिका कर्ता को 2004 से 2008 के दौरान अपनी 12 वर्षीय नाबालिक सौतेली बेटी के साथ बार-बार बलात्कार करने के लिए चंडीगढ़ में आईपीसी की धारा 376 के तहत 2009 में दोषी कराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई अदालत ने यह यचिकर्ता खारिज कर दी
हम आशा करते है की आप को हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी येसी ही कानून से संबन्धित पोस्ट मे इस वैबसाइट पर लता रहूँगा आप इस पेज को फॉलो करले धन्यवाद
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