106 IPC In Hindi
धारा 106 IPC घातक हमले के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार जब तक कि निर्दोष व्यक्ति को हानि होने का जोखिम है – जिस हमले से मृत्यु की आशंका युक्तियुक्त रूप से कारित होती है, उसके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने में यदि प्रतिरक्षक ऐसी स्थिति में हो कि निर्दोष व्यक्ति की अपहानि की जोखिम के बिना वह उस अधिकार का प्रयोग कार्यसाधक रूप से न कर सकता हो, तो उसके प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार वह जोखिम उठाने तक का है!
दृष्टांत
क पर एक भीड़ द्वारा आक्रमण किया जाता है जो उसकी हत्या करने का प्रयत्न करती है वह उस भीड़ पर गोली चलाए बिना प्राइवेट प्रतिरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग कार्यसाधक रूप से नहीं कर सकता और वह भीड़ में मिले हुए छोटे छोटे शिशुओं को अपहानि करने की जोखिम उठाए बिना गोली नहीं चला सकता यदि वह इस प्रकार गोली चलाने से उन शिशुओं में से किसी शिशु की अपहानि करे तो क कोई अपराध नहीं करता!
टिप्पणी
यह धारा प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार मे आती एक धारा को समाप्त करती है ! बाधा प्रतिरक्षा के चित मे वह संदेह है कि क्या वह प्रतिरक्षा का प्रयोग उस परिस्थिति मे भी कर सकता है ,जब उसके ऐसा करने से निर्दोष व्यक्ति को हानी होने की संभावना हो !यह दहा यह कहती है की जिस हमले से म्रत्यु की आशंका युक्तियुक्त रूप कारित होती है,उसके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने मे यदि प्रतिरक्षक एसी स्थिति मे हो कि निर्दोष व्यक्ति की जोखिम के बिना वे उस अधिकार का प्रयोग कार्यसाधक रूप से न कर सकता हो तो उसके इस अधिकार का विस्तार वे जोखिम उठाने तक का है ! द्सुरे शब्दो मे एसी परिस्थिति मे जिसमे किसी को प्राइवेट परतिरक्षा का अधिकार प्राप्त है वहाँ निर्दोष व्यक्तियों की उपस्थिती से उसके इस अधिकार मे कोई कमी नही होती और वह उतना ही बल प्रयोग कर सकता है जितना प्राइवेट प्रतिरक्षा के साधारण मामले मे कर सकने का उसका अधिकार है चाहे उससे निर्दोष व्यक्तियों की उपस्थिती से उसेक इस अधिकार मे कोई कमी नही होती और वह उतना ही बल प्रयोग कर सकता हैं जितना प्राइवेट प्रतिरक्षा के साधारण मामले मे कर सकने उसका अधिकार है चाहे उससे निर्दोष व्यिक्तियों की अपहानी होने की संभावना हो! केवल एक ही दशा है जो पूर्ण होनी चाहिए और वे ये है कि उसे म्रत्यु की युक्ति युक्त आशंका हो यदि उसे अन्य कोई आशंका है तो उसके पास यह अधिकार नही रेहता!