पुलिस आपके जूते कैसे में फंसाए तो आप क्या कर सकते हैं यानी कानूनी जानकारी ?

वेलकम दोस्तों तो आज किस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको यह जानकारी दूंगा की एक पुलिस ऑफिसर आपको झूठे केस में फंसाए तो या फिर फंसा देने की कोशिश कर रहा है तो ऐसी स्थिति में आप क्या कर सकते हैं उसके खिलाफ कौन से कानून रास्ते होते हैं और आप कौन से कानून रास्ते पर आएंगे तो मैं इस पोस्ट के माध्यम से आपको यह जानकारी दूंगा . इसका समाधान में आपको इस पोस्ट के माध्यम से पूरा दूंगा इस पोस्ट को लाइक करना और शेयर भी करना हैं क्योंकि एक चीज आप यह जानने की कोई भी पुलिस ऑफिसर हो या फिर कोई भी गवर्नमेंट एंप्लोई हो उसकी उसकी जो बहुत प्यारी होती है और अगर उसके ऊपर कोई एलिवेशन लग जाता है तो सबसे पहले उसके प्रमोशन पर इफेक्ट पड़ता है और बाद में उसकी करियर पर भी एक निशान लग जाता है जब तक मामला चलता रहता है तो इस वजह से किसी को अपने साथ गलत होने से अपन को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए गलत कोई कर रहा है तो अपन को एक्शन लेना चाहिए

कोई भी पुलिस ऑफिसर आपके ऊपर झूठा केस बना रहा है या फिर बनाने की कोशिश कर रहा है या धमकी दे रहा है तो जाहिर सी बात है कुछ ना कुछ रीजन है कोई तो कारण होगा तभी तो वह आपके ऊपर एप्लीकेशन लगा रहा है कारण क्या है यह आपको पता होना चाहिए एक कारण में दे देता हूं उदाहरण के तौर पर यह हो सकता है की पुलिस के और आप दोनों के बीच में आपसी रंजिश हो कोई भी बात भी हो सकता है कोई प्रॉपर्टी को लेकर मामला भी हो सकता है या फिर पुलिस ऑफिसर ड्यूटी कर रहा था और वहां से आप गुजर रहे थे और वहां पर अपने पुलिस ऑफिसर को थोड़ा बहुत कानून समझा दिया यहां पर आप दोनों के बीच में कुछ विवाद भी हो सकता है उसने आपके थप्पड़ मार दिया धक्का मुक्की कर दी या फिर गाली गलौज कर दी या फिर अभद्र व्यवहार कर दिया और आपने फिर उसे पुलिस वाले के खिलाफ कैसे कर दिया कोर्ट में जाकर के इस्तखासा पेश कर दिया अब पुलिस वाला यह चाह रहा है कि जो इस्तखा सा पेश किया है इसको वापस ले ले मेरी कंप्लेंट वापस ले ले और आप वापस नहीं लेने की बोल रहे हैं इसीलिए वह आपके ऊपर झूठा केस बनाने की कोशिश कर रहा है इस तरीके का भी कारण हो सकता है कोई अन्य विवाद का भी कारण हो सकता है यह तो मैंने आपको इमेजिनेशन के हिसाब से बता दिया कोई एग्जांपल या उदाहरण देकर तो कोई वजह होती है तभी आपके ऊपर कोई झूठ कैसे बनाता है और कुछ केस में ऐसा भी होता है की कोई पुलिस ऑफिसर पैसे की डिमांड करता है कोई संपत्ति चाहता हो और आप उसको देने से इनकार कर रहे हो तो वह आपके ऊपर झूठा केस लगाने की धमकी दे रहा है आपके ऊपर दबाव बना रहा है झूठा केस लगाने की

 

अब सबसे पहली चीज तो यह है कि जो पुलिस ऑफिसर आपको झूठे केस में फंसने की कोशिश कर रहा है या फसने जा रहा है और उसमें वह पुलिस ऑफिसर खुद सुन ही इसकी जांच कर रहा हो तो सबसे पहले आपके पास इतना दिमाग होना चाहिए कि उसे व्यक्ति को हम तुरंत इन्वेस्टिगेशन से हटा सकते हैं और दूसरा ऑफिसर उसे मामले की जांच करें सिंपल सी आपको एक एप्लीकेशन देनी होती है एसपी साहब को अपने जिले के एसपी साहब को आप जाकर एप्लीकेशन दे दे कि यह जो ऑफिसर मेरी मामले की इन्वेस्टीगेशन कर रहा है मुझे इससे निष्पक्ष जांच की उम्मीद कोई भी नहीं है और उसमें आपका कारण मेंशन कर दे और किसी अन्य ऑफिसर से इस केस की जांच कराई जाए लेकिन आपको लगता है कि जो पुलिस ऑफिसर अभी इन्वेस्टिगेशन कर रहा है अगर हम उसकी शिकायत करेंगे कि हमें चेंज कारण पुलिस ऑफिसर तो ऐसा भी हो सकता है वहीं पुलिस ऑफिसर किसी और पुलिस ऑफिसर को बोल भी सकता है कि तू यह कैसे कर और मुझे बढ़ाने की कोशिश करना लेकिन आप अपने सबूत रखना और आपको एप्लीकेशन लिखते हुए यह लिखना है कि मुझे गलत तरीके से फसाया जा रहा है यह किस मिट्टी बनाया जा रहा है यह मनगढ़ंत कैसे हैं आप इस बात को लिखते हुए एक एप्लीकेशन एसपी को रजिस्टर पोस्ट कर देंगे यह एक प्रकरण मेरे विरुद्ध दर्ज कराया गया जो की मीठे झूठ है और इस बात का मेरे पास परमाणु यह है उदाहरण के तौर पर समझिए पुलिस ऑफिसर आपके ऊपर बताता है 1 तारीख की घटना उसे तारीख को आप किसी अन्य स्थान पर मौजूद है तो आपके पास इस बात का प्रमाण है तो उसे चीज को आप एक्सप्लेन करें उसे एप्लीकेशन के अंदर जो सपा को दे रहे हैं और एक कॉपी आप इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर को दे जो जांच कर रहा है आपके कैसे की अब उसकी यह ड्यूटी हो जाती है जहां यह मामला आपने उसकी नॉलेज में डाल दिया है कि आपके पास यह प्रमाण है इस बात का और भाई यह भी साबित करता है जो वह कैसे वह झूठा है आपका कोई लेना-देना नहीं है उसे कैसे पुलिस वाला जबरदस्ती आपको उसे कैसे में इंवॉल्व करना चाहता है तो अब जो ड्यूटी ऑफिसर है जो ड्यूटी कर रहा है इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर जोश मामले की जांच कर रहा है उसके ऊपर इस बात की जिम्मेदारी आ जाती है कि वह एक्चुअल स्थिति का पता करें कि मामला क्या है आपका पक्ष भी उसको देखना पड़ेगा और एक्चुअल में जब पुलिस किसी मामले की जांच करती है तो दोनों पक्षों को देखा जाना चाहिए नियम भी यही कहता है लेकिन कहीं बार देखा जाता है कि जानबूझकर के एक पक्ष को सपोर्ट किया जाता है दूसरे पक्ष की सुनवा ही नहीं की जाती तो फिर वही तरीका जो मैंने आपके ऊपर वाली लाइन में बताया जान चेंज करवाने की बात अब आपने उस एप्लीकेशन को एसडीएम ऑफिसर को दे दिए अब उन्होंने की यह जिम्मेदारी होती है कि वह एक्चुअल स्थिति का पता करें कि भाई मामला क्या है आपने जो तथ्य और जो सबूत दिए हैं जो आपने बात रखी उसको भी देखना होगा उसका भी रिकॉर्ड उसे इन्वेस्टिगेशन में जोड़ना होगा कि आपने क्या पाया उसे बात से आपने कहा कि फल दिन फल तारीख को उसे लोकेशन पर और फल रेस्टोरेंट में खाना खा रहा था फला व्यक्ति मेरे साथ था तो पुलिस ऑफिसर की यह ड्यूटी बनती थी कि वह फलर रोटी पर जाकर फल रेस्टोरेंट के मालिक सेव सीसीटीवी कैमरे में चेक करवा और उसमें यह चेक करें कि इस तारीख को यह वाला व्यक्ति आया था क्या और सीसीटीवी कैमरे में यह प्रमाण होता है कि उस दिन यह व्यक्ति आया था तो ऐसी स्थिति के अंदर आप सही है उसे पुलिस ऑफिसर को आपके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई भी अधिकार नहीं बनता और फाइनल रिपोर्ट फौल्स मानते हुए उस मामले के अंदर FR लगाना चाहिए साथ ही जिसे आपके खिलाफ झूठा केस की शिकायत की झूठा केस जो बनवाना चाहता था कंप्लेंट जो भी हो उसके अंदर पुलिस ऑफिसर हो कंप्लीटेड या फिर कोई अन्य व्यक्ति हो उसके अंदर जिसने FiR  दर्ज कराई हो कोई भी हो सकता है वह उसे व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है जो इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर है उसकी क्योंकि अपने प्रमाण दे दिया और वह यह भी साबित हो गया कि आप सत्य बोल रहे हैं तो 182 आईपीसी और 211 आईपीसी किधर उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है और कोर्ट से निवेदन कर सकता है जब FR  कोर्ट में पेश करेगा जो कि उसमें झूठ पाई हो यह तो हुआ  एक उदाहरण लेकिन दोस्तों उसे पुलिस ऑफिसर का क्या किया जाए जो आपको झूठे केस में फंसने की कोशिश कर रहा है या फिर फंसा दिया है ऐसा भी हो सकता है कि आपको पहले ही फंसा दिया गया हो और आज आपको यह पोस्ट मिली हो देखो अगर कोई आपको फसाना चाहता है तो आपको कोर्ट में या पुलिस स्टेशन जाकर आपको अपना पक्ष रखना चाहिए यह तो मैंने आपको पहले ही ऊपर बता दिया किन तरीकों से आप अपना पक्ष रख सकते हैं यह भी मैंने आपको बता दिया और किस तरीके से रखना चाहिए यह भी मैंने आपको बता दिया और किस तरीके से ऑफिसर को चेंज कर सकते हैं यह भी मैंने आपको पर बता दिया लेकिन किसी ने कैसे बना ही दिया तो अब क्या करेंगे जब कैसे बना दिया तो ऐसे पुलिस ऑफिसर के खिलाफ इस्तखासा पेश कर सकते हैं कोर्ट के अंदर अब जो कैसे बंद करके कोर्ट में जा चुका है उसको तो अपन को डिपेंड करना ही पड़ेगा उसने आपको मुलजिम बना दिया है तो आपको उसके अंदर फाइट करना ही पड़ेगा और अगर आपके पास कोई परमाण है तो आप 482 सीआरपीसी में उस FiR को जो अपने खिलाफ झूठा मामला चार सीट के रूप में कोर्ट में जा चुका है लेकिन आपके पास स्ट्रांग प्रूफ होना चाहिए अपने पास चलो मान लीजिए कैसे बनाकर वह तो आपके ऊपर चार सीट कर दिया एक पुलिस ऑफिसर ने जो कि झूठ कैसे हैं लेकिन अब आप क्या करेंगे आप इस्तखा सा पेश करेंगे कोर्ट के अंदर अब आप बोलोगे की साहब यह कैस तो झूठा है तो अगर उसको यह पता है तो वह गवाबी झूठे बनाएगा जो दस्तावेज है वह सारी झूठी है तो ऐसा ऑफिसर के खिलाफ ।

 

सबसे पहले तो उसने ड्यूटी के विपरीत कार्य किया है तो 166 IPC और 166A  IPC जो उसको कानून की निर्देश है उसके अगेंस्ट जाकर के कार्रवाई कर रहा है आपके खिलाफ झूठी कार्रवाई या फिर कैसे बनाने की कोशिश कर रहा है यह झूठे केस में फंसा दिया है इसके अलावा 167 आईपीसी जो की एक गलत तरीके के डॉक्यूमेंट बनाने की बात करता है अगर कोई पुलिस वाला आपके खिलाफ झूठे डॉक्यूमेंट बनाकर आपको फसाने की कोशिश कर रहा है तो फिर 167 आईपीसी के तहत 3 साल तक की सजा हो सकती है उसे व्यक्ति को जो गलत डॉक्यूमेंट बनकर किसी को गलत तरीके से फसता है और इसके अलावा यह जानते हुए भी की यह जो डॉक्यूमेंट यह गलत है और फिर भी उसका उपयोग में ले रहा है वह 196 आईपीसी ऐसी मिट्टी साक्षी को जानकर के खिलाफ तो ऐसे पुलिस ऑफिसर के खिलाफ 7 साल तक की सजा हो सकती है 196 आईपीसी के अंदर और आपको जबरदस्ती अरेस्ट करके जो मामला गलत है यह जानते हुए भी ऐसा जानते हुए कि यह जो मामला है यह मनगढ़ंत है इसकी रिपोर्ट मनगढ़ंत शक्षेय के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है आपकी रिपोर्ट बनाकर के कोर्ट में प्रोड्यूस कर रहा है तो ऐसी स्थिति के अंदर 219 आईपीसी और 220 आईपीसी मैं आपको सुपुद्र भी कर रहा है कोर्ट के अंदर इन दोनों धाराओं के अंदर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है यह सभी धारा एक ऐसे पुलिस ऑफिसर के लगेगी जो अपने पद का दुरुपयोग कर रहा है और आपको झूठे केस में फसाने की कोशिश कर रहा है इसके अलावा 388 आईपीसी के अंदर 10 साल तक की सजा हो सकती है उसे व्यक्ति को जो आपको ऐसे ऑफेंस में फंसा रहा है जो की 10 साल तक की अधिक तक की सजा का ऑफेंस हो अब यह देखना पड़ेगा कि यह आपको कौन से ऑफेंस में फंसा रहा है और अगर सिर्फ धमकी ही दे रहा है कोई झूठे केस में फसाने की कोई पुलिस ऑफिसर तो 389 आईपीसी के तहत कोर्ट में आप इस्तखासा पेश कर सकते हैं यह सभी धारा ऐसी हैं जो उसे पुलिस ऑफिसर के खिलाफ बनती है तो आप सबसे पहले इस्तखासा पेश करें कोर्ट में उसके बाद जो आपने शिकायत की एफआईआर दर्ज कराई थी उसको निकलवा करके अलग-अलग डिपार्टमेंट में भेज सकते हैं चाहे वह छोटा डिपार्टमेंट हो या बड़ा डिपार्टमेंट हो आप कम तक भी भेज सकते हैं ऐसे ऑफिसर की शिकायत को ।

हम आशा करते हैं कि आपने इस पोस्ट के माध्यम से कुछ ना कुछ नॉलेज जरूरी होगी और अगर आप फिर भी अधिक जानकारी चाहते हैं अन्य कैसे की जानकारी के बारे में तो आप नीचे दिए गए नंबर पर कॉल कर कर अपना अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं

मोबाइल नंबर 9982 8 74867

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