पत्नी से परेशान हो तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत जरूरी है पत्नी के झूठे केस से कैसे निपटे इस पोस्ट के माध्यम से आपको पूरी जानकारी दी जाएगी ?
दोस्तों कहीं बार देखा जाता है पति और पत्नी के बीच में विवाद होता है और उसके बाद पत्नी रूठ कर नाराज होकर मायके चली जाती है मायके जाने के बाद लंबा समय वहां पर गुजरने के बाद 4 महीने 6 महीने 1 साल 2 साल और उसके बाद वह पति के खिलाफ मामला दर्ज कराती है 498 का दहेज प्रताड़ना का और पति के फैमिली मेंबर का नाम भी इसमें इंवॉल्व कर दिया जाता है ऐसा हमने हमारे आसपास भी देखा होगा न्यूज़ चैनलों में भी सुना होगा और कई बार हमने किसी से सुना भी होगा
लेकिन आम इंसान नहीं समझ पाता इस तरीके के केस के बारे में और इस केस से किस तरह से निपटा हम आपकी वाइफ के दो मकसद होते हैं या हो सकते हैं एक मकसद तो यह कि वह आपके ऊपर प्रेशर बनाना चाहती है किसी चीज को करवाने के लिए और वह चीज क्या हो सकती है वह चीज होती है सेटलमेंट समझौते से कैसे करना साथ ही उसे इजीली तलाक मिल जाए और दूसरा कारण हो सकता है आपके वह रहना चाहती है मगर आपके परिवार वालों के साथ वह नहीं रहना चाहती इसलिए वह प्रेशर बना रही है आपके ऊपर केस करके तो ऐसी स्थिति के अंदर पति को क्या करना चाहिए दोस्तों तो सबसे पहले ही बता दूं कि आपके पास जब सबसे पहले कॉल आता है पुलिस थाने से जहां पर पत्नी ने पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई हो मामला दर्ज कराया हो तो पति घबरा जाता है इस चीज में घबराने की जरूरत नहीं है आप पुलिस वाले से बात करें तो उनको यह बोले कि सब मेरी पत्नी अच्छी खासी उसके मायके गई है बिना कुछ विवाद की गई है और आखिर वहां पर जाकर मेरी शिकायत क्यों कर दी इस बात का तो मुझे कोई पता ही नहीं है उसको तो यहां से गए भी कई दिन हो गए और मैं उसको उसके मां की घर लेने भी जाता हूं वह कुछ काम बात कर कुछ रीजन बता कर मुझे बोल देती है कि मुझे यह काम है इसलिए मैं नहीं आ रही हूं और अब उसने FiR दर्ज करा दी हैं सबसे पहले तो यह बात याद रखें तब आपको पुलिस बुलाई ऐसी मामलों के अंदर तो आपको पुलिस के पास जाकर जवाब पेश करना चाहिए अपना पक्ष रखना चाहिए जो मैंने आपके ऊपर वाली लाइन में बताया मामला सभी के ऊपर दर्ज होता है तो आप सिर्फ पति भी जा सकता है या फिर आप किसी अन्य व्यक्ति को भी लेकर जा सकते हैं जिसके साथ भी आप जाना चाहते हो आप अपने वकील को भी साथ में लेकर जा सकते हैं और वहां पर जाकर आप सिर्फ अपना पक्ष रखें और अगर आपके पास प्रूफ है तो आप वहां पर जाकर उनको दिखाएं पुलिस ऑफिसर का यह दायित्व है यह अधिकार है कि जिसके ऊपर मामला दर्ज हुआ है उसका पक्ष सुने और आप यह बोले कि मैं तुझको लेकर जाना चाहता हूं चाहे यह अभी आज की तारीख में मेरे साथ मेरे घर वापस जाए तो मैं तो सभी तरीके से राजी हूं पर लेकिन मुझे नहीं पता कि यह मेरे ऊपर क्यों कैसे कर रही है आप इस तरीके का पक्ष अपने पुलिस के सामने रखें और जरूरी बात ऐसी शिकायत करने पर पुलिस डायरेक्ट पति को गिरफ्तार नहीं कर सकती आज की तारीख में अगर किसी व्यक्ति को पुलिस 498 यह आईपीसी के मामले में तो उसका जो रीजन है वह रीजनेबल होना चाहिए ऐसा होना चाहिए स्ट्रांग रीजन तभी गिरफ्तार किया जाएगा वरना कंटेंप्ट ऑन सुप्रीम कोर्ट हो जाएगा अगर पुलिस वालों ने गिरफ्तार किया तो यहां तक की जी कोर्ट के समक्ष गिरफ्तार किया जा रहा हैं तो वह भी रीजनेबल लिखेगा मजिस्ट्रेट भी किसी युक्ति युग कारण के कोई ऑर्डर कर दिया है तो उसके खिलाफ khilaf contempt ऑन कोर्ट हो जाएगा यानी इन दोनों के खिलाफ जो बंदा जिसको गिरफ्तार किया गया है वह केस फाइल कर सकता है तो दोस्तों इसलिए घबराने की आवश्यकता आपको नहीं है अगर आपने आपकी पत्नी के साथ कोई टॉर्चर नहीं किया है किसी प्रकार से मारपीट नहीं की है और ना ही कोई डिमांड की है आपने तो आपके साथ कोई दिक्कत नहीं है आप अपना पक्ष जाकर पुलिस वालों के सामने रखें बिल्कुल निडर होकर रहे और निडर होकर ही अपना पक्ष रखें पॉजिटिव होकर शालीनता से इन सभी बात का ध्यान रखकर अपना पक्ष रखें और पुलिस वाले को समझने की कोशिश करें कि सब ऐसा कुछ भी नहीं है और उनके साथ सेटलमेंट करने की कोशिश करें किसी भी प्रकार का सेटलमेंट या फिर डाइवोर्स लेने का अगर सेटलमेंट हो जाता है तो अच्छी बात है और नहीं होता है तो पुलिस फिर को दर्ज कर कर चार सीट को कोर्ट में पेश करती है आपको 41a सीआरपीसी का नोटिस दे देती है इसका मकसद यह होता है कि आपकी गिरफ्तारी का मतलब नहीं है आपको जब बुलाया जाएगा तब आपको आना होगा जब इन्वेस्टिगेशन पूर्ण हो जाती है तब आप वापस से कोर्ट में उपस्थित होते हैं पहले दिन कोर्ट में उपस्थित होने के लिए आपको वकील की आवश्यकता ओर जमानती की भी aavashak पड़ेगी अगर आपके फैमिली नंबर के नाम उसमें ऐड कर दिए गए हैं गलत रूप से तो आप इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर से बात कर के घर वालों के नाम हटवा सकते हैं उनको समझाएं कि यह जो नाम जोड़े हैं यह गलत तरीके से जोड़ा गया है पुलिस सहयोग करती है सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट भी है राजेश शर्मा वर्सेस स्टेट आफ उत्तर प्रदेश उसमें जजमेंट में क्लियर किया हुआ है की पत्नी का पत्नी के परिवार की ओर से पति के घर वाले को घसीटा जाता है जानबूझकर के जब का उनका कोई भी एनवायरमेंट नहीं होता है उसे कैसे को लेकर तो पुलिस जो है गहनता से इस मामले की जांच करें क्या उनका इंवॉल्वमेंट बनता है या नहीं बनता तो उनका नाम निकल जाए निर्दोष का नाम निकल जाए इस स्थिति में आने के बाद पुलिस निर्दोष का नाम निकाल देगी फिर भी अगर कोई पुलिस ऑफिसर आपकी फैमिली मेंबर का नाम ऐड कर देता है फिर आपको लगता है कि वह पुलिस वाला आपकी फैमिली मेंबर के नाम नहीं निकलेगा तो फिर आप 482crpc के अन्दर जाते है वहा जाकर अपनी फैमिली मेंबर के नाम को क्वेश कर सकते हैं लेकिन जो पति है उसके खिलाफ फाइल कोर्ट में पेश होती है क्योंकि आमतौर पर 498 डिमांड शब्द शफिशिएंट है उसके लिए चार्ज शीट फाइल करने के लिए वह बाद में कोर्ट में तय हो जाएगा की डिमांड की थी या नहीं की तो ऐसी स्थिति की में दबाव वकील को हायर करेंगे तब चार सीट फाइल होगी कोर्ट के अंदर तो तुरंत आपका वकील आपकी तरफ से प्रार्थना पत्र जमानत अर्जी पेश करेगा 41 सीआरपीसी पालन के अंदर आप कोर्ट के अंदर उपस्थित हो रहे हैं कोर्ट कंसीट करता है आपकी बैल को तुरंत आपकी बेल हो जाती जमानती है आपकी तरफ से उपस्थित हो जाते हैं जब आपकी बेल हो जाती है तब आपके ऊपर चार्ज लगाया जाता है चार्ज होता है जो एलिगेशन आपके ऊपर लगाए जाते हैं वह आपको कोड सुनता है यह एलिगेशन आपके ऊपर लगाए गए हैं आपकी पत्नी ने यह बात आपकी खिलाफ कही है फिर वाइफ को कोर्ट में बुलाया जाएगा जब एविडेंस होगी साक्षी होगी पत्नी को साबित करना होगा कि वह जो बात कह रही वह सही है उसके लिए जो बस है वह उसको पेश करना होगा पति को सिर्फ और सिर्फ यह बोलना है कि साहब मैंने ऐसा कुछ नहीं किया मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वह सब गलत है और मैं इस मामले का विचारण चाहता हूं केवल मत आप इतना सफिशिएंट रखें फिर आपका वकील क्रॉस करेगा कैसे चलेगा कैसे चलाते रहता है क्योंकि 498 का मामला है वह थोड़ा बहुत देर तक चलता है इस तरीके के मामले में कोर्ट की मंच चाहिए होती है कि हस्बैंड और वाइफ का जो मामला है सेटलमेंट से ही खत्म होता है आमतौर पर और मैक्सिमम कैसे होते भी सेटलमेंट से ही है इसलिए वह लंबी-लंबी तारीख देते हैं और लड़की को गवाही के लिए बुलाते ही नहीं है कोर्ट सिर्फ वह सिर्फ समय गुजारना चाहती है समय के साथ दोनों को अकल आ जाती है पति को और पत्नी को ऐसा हमें भी लगता है और कोर्ट को भी लगता है ऐसी स्थिति में पति और पत्नी दोनों कोर्ट के पास आ जाते हैं कि हम दोनों को सेटलमेंट करना है हमें इतना कैसे नहीं करना और इतना टाइम हमें नहीं लगाना तो कैसे को खत्म करो तो अगर आपको फिर भी आपको पर्सनल जानकारी चाहिए कि अपने केस के बारे में कि हमें आगे क्या करना है पूरी जानकारी चाहिए छोटी से लेकर बड़ी लीगल एडवाइस चाहिए तो आपको सर से बात करने के लिए वकील सर से बात करने के लिए आपको अपॉइंटमेंट बुक करना पड़ेगा अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए आपको नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क करना होगा
मोबाइल नंबर 9982 874 867