पति और पत्नी के सारे मुकदमे ऐसे होंगे खत्म जानिए इस पोस्ट में ?

दोस्तों तो आज ईस पोस्ट मैं आपसे यह बात करने वाला हूं कि हस्बैंड और वाइफ के जो डिस्प्यूट होते हैं उन डिस्प्यूट को किस तरीके से डील करना चाहिए और किस तरीके से मामला खत्म करना चाहिए दरअसल में छोटी-छोटी सी बातों को लेकर हस्बैंड वाइफ बड़े विवाद की तरफ लेकर चले जाते हैं यानी तलाक तक की नौबत आ जाती है दोनों को कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने की बात आ जाती है तो ऐसी स्थिति में हम क्यो जाये क्चुअल में थोड़ी सी हमारे में तनातनी होती है जो वह मन है ना उसे पर तूफान सब पैदा हो जाता है जब तूफान सा हमारे मन में चलता है तो हम जो भी डिसीजन लेते हैं वह 90% गलत ही होते हैं तो जब भी कोई विवाद हो दोनों के पास विवाद हो जाए तो कोशिश यह करें कि हम अपने मन को स्थिर करें शांत करें फिर उसके बाद चर्चा करें एडरवाइज आप एक गलत कदम उठाएंगे तो आपकी वह गलत कदम बहुत बड़ी समस्या बन जाएगी छोटी छोटी सी बात होती है कि साहब आपको मना किया था पति कहा था पत्नी को कि आप फल के घर नहीं जाएंगे और पति नहीं चली जाती है कुछ काम से फिर पति बोलता है मैंने आपको मना किया था फिर दोनों के बीच में बहस होना शुरू हो जाती है या फिर पति यूं कहता है पत्नी को कि आप दो दिन में के जाओगी और पत्नी 6 दिन रुक के आ जाती है इस बात को लेकर भी बात हो जाता है या फिर पत्नी भी बोलती है कि आप घर पर लेट आते हैं और इस चीज में बहस हो जाती है और बड़ा विवाद बन जाता है या फिर पत्नी ऐसे भी बोल देती है कि मैं तो इस घर में नहीं रहना चाहती आप तो अलग घर हो मैं आपके साथ वहां पर ही देना चाहूंगी इस बात को लेकर भी विवाद हो जाते हैं तो ऐसे बहुत सारे मामले होते हैं जिनसे छोटी सी शुरुआत होकर बड़े विवाद हो जाते हैं छोटी सी बात को लेकर बड़े विवाद हो जाते हैं और यह विवाद बड़ा विवाद होते हैं जो अधिकतर देखे जाते हैं इन बातों का सिंपल सा सॉल्यूशन है क्योंकि हम बात करते हैं तो बात करने से बात बनती है आप अगर गुस्सा में करोगे जब आपके मन में तूफान है तो अगर आप उसे टाइम बात करोगे तो सभी बातों का उल्टा असर पड़ेगा अगर आप शांत होंगे तो आपके मन से सकारात्मक बातें निकलेगी अगर पत्नी गलत बोल रही है तो आप पत्नी को सकारात्मक स्वभाव से समझाएं अगर पत्नी ऐसे बोल रही है कि मैं इस घर में नहीं रहना चाहती और मैं आपके माता-पिता का काम नहीं करना चाहती तो उसे सकारात्मक मानसिक रूप से समझाएं कि अगर तेरा भाई और तेरी भाभी तेरे मम्मी पापा को घर से छोड़ कर चले जाए और किसी अन्य जगहों पर रहे तो क्या तुझे अच्छा लगेगा इस तरीके से समझाएं वह समझेगी और माता-पिता किसके पास रहते हैं बुढ़ापे में अपने बच्चों के साथ ही तो रहते हैं इस तरह से अगर पत्नी मायके तीन दिन या पीछे दिन रुकना चाहती है तो पत्नी को बोल दो की कोई दिक्कत नहीं है आराम से आओ और आराम से रहो आपकी सिस्टर भी होगी अगर उसकी सास भी उसको ऐसे ही नहीं आने देगी की तीन दिन की बजाएं 2 दिन में घर पर वापस आ जाना दरअसल बातों का निचोड़ यह आता है कि दोनों पक्षों को अपने रिश्ते को देखते हुए बैलेंस करके चलना चाहिए दो जिस चीज में राजी है उसे चीज को राजी रखना चाहिए मामले को बढ़ाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए खुशी से रहिए और भी बहुत सारे पारिवारिक काम आ जाते हैं चाहे वह अच्छे काम हो या बुरे काम हो तो ऐसी कामों में जाना चाहिए चाहे वह पति हो या चाहे पत्नी सभी को शामिल होना चाहिए ना तो पत्नी को फाउंडेशन लगानी चाहिए पति पर और ना ही पति को फाउंडेशन लगानी चाहिए पत्नी पर दोनों को आजाद रहना चाहिए और दोनों को एक दूसरे के ऊपर भरोसा होना चाहिए यह तो मैंने आपको बता दिया कि आप बिना कोर्ट के घर में ही कैसे अपने केस के मामले को सुलझा सकते हैं सकारात्मक तरीके से

लेकिन कुछ मामले अलग तरीके के होते हैं जिसमें लड़की ने किसी लड़के से गलत तरीके से शादी कर ली या फिर लड़के ने किसी लड़की के साथ गलत तरीके से शादी कर ली और या फिर ऐसा भी हो सकता है कि लड़की की शादी घर वालों ने जबरदस्ती लड़की से कर दी और इसका उल्टा भी हो सकता है लड़की की शादी लड़के से जबरदस्ती घर वालों ने करवा दी अब दोनों शादी के बाद एक दूसरे से परेशान आई और डिस्प्यूट हो रहा है तुम मामला बढ़ता जाएगा क्योंकि वह दोनों रहना ही नहीं चाहते एक दूसरे के साथ जहां रहना नहीं चाहते तो इसका कांसेप्ट क्लियर है तो आपको दोनों को एक प्लेटफार्म पर आना पड़ेगा प्लेटफॉर्म आपका खुद का बनाया होना चाहिए यानी आप लोग खुद बैठ जाए परिवार वालों के साथ पत्नी के परिवार वाले भी वहां पर शामिल हो पति के परिवार वाले भी वहां पर शामिल हो और बात करें इस मसले को कैसे डील कर सकते हैं या फिर इस मामले को कैसे खत्म कर सकते हैं मान लीजिए लड़की बोलती है कि मेरे को तो सिर्फ तलाक चाहिए और कुछ नहीं चाहिए मैं उनके साथ नहीं रहना चाहती और मुझे इनसे कुछ भी नहीं चाहिए तब तो कैसे में दिक्कत नहीं होती पर लेकिन यह बहुत कम केस में देखा जाता है इस तरीके का मामला चाहिए

और कुछ केस में ऐसा होता है पत्नी को अलग होने के लिए खर्चा चाहिए मेंटेनेंस बोलते हैं उसको एक बार के लिए परमानेंट अलग होने का खर्चा दे दो अलग होने के लिए अब जाहिर सी बात है कानूनी रूप से पत्नी को अधिकार भी है मेंटेनेंस लेने का अगर वह मानती है तो आपको एग्री करना चाहिए यह मैं कहता हूं कानून आपको मेंटेनेंस देना ही पड़ेगा तो इसलिए आप बैठकर के बात करें हां जो वह मांग रही है वह बहुत ज्यादा है तो गलत है आपनेगोशिएट करें मैनेज करने की कोशिश करें और बोले कि इतना ज्यादा तो नहीं हो सकता जितनी मेरी हैसियत है जितना मैं कर सकता हूं वह इतना है कन्वेंस करने की कोशिश करें आप नेगोशिएट करने की कोशिश करें तो आपका मसाला सो सॉल्व हो सकता है यह कौन लोग है जो डिसाइड कर रहे हैं आप लोग खुद हो आप दो फैमिली के मेंबर हो इस केस को सॉल्व करने के लिए और इस मसले को डील कर सकते हैं और खत्म कर सकते हैं इस केस को अगर ऐसा भी नहीं होता है तो आप इसकी बात क्या करेंगे पोस्ट को पढ़ते रहिए मैं आपसे पूछना चाहता हूं आप क्या करते हो और आप क्या और इस जगह पर आने के बाद आपका मन बिल्कुल शांत होना चाहिए तभी आप अच्छा सो पाओगे अगर आप नहीं सो पाएंगे तो आप क्या करते हैं आपका दिमाग का पर बड़ा हुआ रहता है गुस्से में होते हो तो अलग ही तूफान आपके मन में उठता रहता है तो आप गलत डिसीजन उठा लेते हो लेकिन आपको क्या करना है आपका जो मैटर है उसको उठा कर रख दोगे मजिस्ट्रेट के पास जज आपके पास कोर्ट में भेज दिया मतलब आपने कैसे अमजद साहब के पास आ गए हैं आप मान लीजिए मैं जैसा आपको अब मैं आपको पहले कहता हूं की बताओ सब क्या मामला है आपकी तरफ से फिर दूसरे पक्षी पूछेंगे बताओ क्या मामला है आपका आपकी भी सुन ली दोनों की सुनने के बाद फिर मैं आपका फैसला करूंगा और मैं टाइम भी बहुत खूब लूंगा अब यह दोनों की बात सुनने से पहले आप दोनों को अपना-अपना वकील करना पड़ेगा फिर वकील को फीस दो फिर आपको टाइम लेना पड़ेगा और अपना समय बर्बाद करना पड़ेगा समय के साथ-साथ आपको अपना पैसा भी खर्च करना पड़ेगा और भी फीस आपकी जा रही है और मैं करुंगा फैसला आप दोनों की जो भी स्थितियां मेरे सामने आई है यह निकाल करके कि आपने जो बोला और आपने जो बोला तो मैंने सुन लिया दोनों पक्षों को अब मैं फैसला करूंगा आप अगर मेरे फैसले से नहीं मानते तो आप चलेंगे कर देना तो मैं वही कह रहा हूं आप क्यों अपना फैसला किसी और को क्यों दे रहे हैं आप अपना मैटर उठा कर जज साहब को क्यों दे रहे हैं मैंने आपको बोला कि आप अपने प्लेटफार्म पर ही बैठो घर पर ही मामले को समझने की कोशिश करो मामले को सॉल्व करने की कोशिश करो और घर पर ही डिसाइड करो इस मसले को कैसे डील किया जा सकता है हसबैंड वाइफ की जितनी भी कैसे होते हैं उन मीटर में कोर्ट कचहरी या वकील के पास जाने की जरूरत ही नहीं है तुम्हें आप खुद अपने मामले को बैठकर के डील करके मसाले को हल कर सकते हैं बहुत आसानी से बहुत मुश्किल नहीं है हां अगर सामने वाला नहीं मान रहा एक पार्टी नहीं मान रही उसको तो तैयारी नहीं है तब तो आपकी मजबूरी बनती है कि आपको कोड जाना ही पड़ेगा मजिस्ट्रेट साहब के पास या फिर 10 साहब के पास मतलब आपको कोर्ट के प्लेटफार्म पर जाना ही पड़ेगा एक पार्टी नहीं मानने के कारण लेकिन वह एक समय पर जाकर मांगी जब समय बर्बाद होगा जब पैसा बर्बाद होगा और रिजल्ट भी नहीं आएगा क्योंकि रिजल्ट में लगता है समय जब समय खर्च होता है टाइम लगता है और रिजल्ट नहीं आ रहा होता है तो फिर सोचते हैं कि चलो आ जाते हैं अपने प्लेटफार्म पर जो की है घर का समाधान यह तो मैंने आपको स्टार्टिंग में ही बता दिया था की सबसे पहले आपको दोनों दोनों पक्षों के परिवार वाले बैठ करके अपना हल करने की बात तो मैंने आपको शुरुआत में बता दी थी जिस तरीके से मामले को खत्म करने की कर सकते हो उसे तरीके की खत्म करने की कोशिश करो देखो लड़की को खर्चा देना पड़ेगा आपको आप यह सोचते हैं कि भाग जाएंगे बस जाएंगे यह पॉसिबल नहीं है देना तो आपको पड़ेगा ही सही यह कानूनी उसका अधिकार है हां अगर वह नाजायज डिमांड कर रही है तो हम क्यों देंगे यह तो आप सब मानती हैं और हम भी जानते हैं इस बात को नाजायज डिमांड कर रही है जितना उसको नहीं करना चाहिए उतना हम नहीं देंगे इसलिए हम भी कोर्ट कचहरी के लिए तैयार हो जाते हैं कि अगर आपको मेंटेनेंस मांगना ही है तो आ जाओ कोर्ट के अंदर कभी परेशान होना मैं भी परेशान होऊंगा इतना तो मैं नहीं दूंगा अगर आपको जेनुइन मांगना है तो उतना मैं दे दूंगा अगर आप कोर्ट में लड़ना चाहते हैं इस तरीके का मामला तो वकील भी वेलकम करते हैं आपका तो यह तो हुई मोटी मोटी बात की आप इस तरीके से मसले को डील कर सकते हैं क्योंकि अब मै

दोस्तों अगर फिर भी आपको पूरी कैसे की जानकारी चाहिए कि आपको अपने केस में आगे क्या करना चाहिए तो सर से बात करने के लिए आपको अपॉइंटमेंट बुक करना पड़ेगा अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए आपको नीचे दिए गए नंबर पर कॉल करके असिस्टेंट से बात करनी पड़ेगी वही आपका अपॉइंटमेंट बुक करेंगे

मोबाइल नंबर 9282 874 867

Mohammed Saleem

I Am Advocate By Profession And My Objective Through This Website To Provide Legal Information To The Public So They Can Become Aware For Their Rights Or Fight For Justice.

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