नए कानून में झूठी FiR करने पर होगी जेल ! Under the new law, there will be jail for filing false FIR!
पुलिस को झूठी सूचना देना या झूठी एफआईआर दर्ज करवाना भारी पड़ेगा क्योंकि नए कानून में भारी सजा का प्रावधान कर दिया गया है तो क्या करना चाहिए अगर कोई व्यक्ति आपके खिलाफ झूठी रिपोर्ट देता है तो इस पोस्ट के अंदर जानेंगे और कानून में क्या चेंज किया गया है वह भी आप जानेंगे तो महत्वपूर्ण पोस्ट है आपके लिए इसलिए इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा तक लोगों को शेयर करें और पोस्ट को लाइक जरुर करें ।
दोस्तों सबसे पहले तो जब भी कोई व्यक्ति आपके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कर रहा है तो जाहिर सी बात है कुछ ना कुछ तो रीज़न है यानी कोई तो रंजिश है कोई तो विवाद है इस वजह से तो वह झूठी रिपोर्ट दर्ज कर रहा है आपके खिलाफ।
तो यह तो हुआ आपका पहला आंसर की क्यों कर रहा है यह आपको अपने दिमाग में रखना पड़ेगी बात ।
नोट ” अगर कोई व्यक्ति आपके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कर रहा है तो सबसे पहले तो डरना बिल्कुल नहीं है
अगर कोई व्यक्ति झूठी शिकायत थाने पर दे रहा है या झूठी FiR थाने पर दर्ज करा रहा है और वो मामला जो है वह 7 साल तक की सजा वाला है यानी जो आप पर वह आरोप लगा रहा है जो शिकायत आपके खिलाफ कर रहा है उसमें जो सजा का प्रावधान है वह 7 साल तक की सजा का प्रावधान है यानी मान लीजिए आपको वह उस अपराध में फसा ने की कोशिश कर रहा है जिसमें की 7 साल तक की सजा होती है तो ऐसी कंडीशन के अंदर जो कानून बनाया गया है नया कानून 173 bnss सबसेक्शन 3 उसमे क्लियर मेंशन है ।
की 3 साल से अधिक और 7 साल से कम वाले मामले हैं उन मामलों में पुलिस को यह राइट है कि वह 14 दिन की जांच कर सकती है यानी कोई रिपोर्ट आती है ऐसी जिसमें इतनी सजा हो सकती है तो उसमें 14 दिन पुलिस इन्वेस्टिगेशन कर सकती है यह 14 दिन किसके लिए है यह 14 दिन आपके लिए है
आप को बिना डरे पुलिस के पास जाना है ऐसे मामलों के अंदर और जाकर के पुलिस के पास अपना पक्ष रखना है पुलिस को यह बताना है कि जो शिकायत है वह झूठी है वह कैसे हैं यह आपको बताना है आप बताओगे ना उसको रीजन मैं यह बात बोल रहा हूं कि साहब यह व्यक्ति झुटी रिपोर्ट दर्ज कर रहा है अब इसने जो घटना बताई है इस घटना का जो जिक्र कर रहा है तारीख का और समय का उस समय में फलह जगह पर फलह व्यक्ति के साथ फलह लोगों के बीच में बैठा हुआ था अब इस बात के लिए आप जांच कर ले ।
मैं आपको प्रूफ दे देता हूं अगर मैं किसी रेस्टोरेंट में हूं तो सर आप सीसीटीवी कैमरा चेक कर सकते हैं यह पॉइंट आप एक्सप्लेन करेंगे पुलिस वालों को संतुष्ट करेंगे अपनी बात को का करके जो पुलिस ऑफिसर आपके मामले की जांच करेगा आपको यह सब बात उनको एक्सप्लेन करना है।
कोई भी झूठी सूचना दी उसने यहां पर मामला क्या है यह समझ लीजिए कि एक बार वह झूठी सूचना दिया केवल इतना दे रहा है कि आपने यह चीज उसके साथ कर दी यह कंप्लीट पुलिस वालों ने यह दिल है और फिर आपको पुलिस वाले बुला लेंगे आप चले गए आपको फिर वहां पर जाकर के अपना पक्ष रखना है आपको वहां पर कहना है कि मेरा इस चीज से और मेरा इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है अगर इस घटना में कुछ हुआ भी है जो व्यक्ति वह ठीक है होंगे लेकिन मैं तो उसे जगह पर था ही नहीं इस बात का प्रमाण मेरे पास यह है तो अगर आपने यह बात साबित कर दी तो पुलिस वाले के पास यहां यह राइट है कि वह 182 आईपीसी जो नए कानून में था जो बदल करके नए कानून में बीएस में हो गया है 217 बीएनएस उसके तहत पुलिस वाला कार्यवाही कर सकता है पहले जो कानून था 182 आईपीसी उसमें केवल 6 महीने की सजा या₹1000 तक का जुर्माना हो सकता था लेकिन नए कानून में इसको बढ़ा दिया कि अगर झूठी सूचना भी पुलिस को दे दी है किसी ने तो तेरे को 6 महीने नहीं अब 1 साल तक की सजा होगी और फाइन भी बढ़ा दिया गया ही नहीं कानून में वह फाइंड 10000 तक का हो सकता है यानी सजा और जुर्माना दोनों पहले के मुकाबले बढ़ा दिया गया है ।
या तो सजा होगी या जुर्माना ही होगा लेकिन अगर कोर्ट चाहे तो दोनों होगा ।
यह तो हुई सिर्फ सूचना देने वाली बात लेकिन उसने आपकी पुलिस में रिपोर्ट ही दर्ज कर दी गई मान लीजिए आपकी फिर दर्ज हो गई और वह भी झूठी फिर है उसने क्या आरोप लगाया कि अपने अपराध किया है उसके साथ अगर कोई एफआईआर दर्ज हो गई जिसमें किसी अपराध का आप आपके ऊपर है और वह अपराध आप भी झूठा है तो उसे कंडीशन में जो उसने ऑफिस किया है किसने जिसने आपके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई है अब उसके खिलाफ जो कार्यवाही होगी वह पुराने आईपीसी के अंदर 211 आईपीसी के अंदर थी जिसमें 2 साल तक की सजा हो सकती थी या जुर्माना हो सकता था ऐसे व्यक्ति को जो झूठी एफआईआर दर्ज थाने पर जाकर के कराता था ।
और जुर्माना फिक्स नहीं था।
लेकिन नए कानून में 248 ए एक नया प्रोविजन कर दिया गया है जिसमें ऐसे व्यक्ति को 5 साल तक की सजा हो सकती है और या फिर फाइन भी हो सकता है जो की 2 लख रुपए तक का हो सकेगा या फिर कोर्ट दोनों कर सकती हैं लेकिन इस व्यक्ति ने अगर आपके खिलाफ ऐसा अपराध का आरोप लगाया था जो कि ऐसा था जिसमें 10 साल तक की सजा हो सकती थी या तो उससे अधिक हो सकती थी मतलब मिनिमम आपको 10 साल की सजा होती ही अगर आप पनिश होते उसे ऑफेंस के लिए जो कि झूठ था इसने आपके ऊपर लगा या था ।
मान लीजिए किसी ने आपके खिलाफ हत्या का आरोप लगा दिया बलात्कार का आरोप लगा दिया हत्या सहित डकैती का आरोप लगा दिया गया इस तरीके के मामले जिनमें आपको 10 साल से अधिक की सजा हो सकती है थी वह झूठे आरोप में आपको फ़साना चाह रहा था तो उसे कंडीशन में 248 बी के तहत कार्यवाही होगी इस व्यक्ति के खिलाफ और इसे खुद को सुने को अब 10 साल तक की सजा होगी और जुर्माना भी अनलिमिटेड हो सकता है लेकिन बहुत ज्यादा भी नहीं होगा मतलब कोर्ट 2 लाख से बढ़कर ही करेगी यानी 5 लाख भी कर सकती है 10 लाख भी कर सकती है यहां पर जो मानव फिक्स नहीं है तो कुल मिलाकर के आपके बचाव के लिए तीन चीज और मैं बता रहा हूं जो आप नोट कर लीजिए।
सबसे पहले तो आपको कि अगर कोई झूठी रिपोर्ट दर्ज होती है तो डरने की जरूरत नहीं है अपना पक्ष आपको रखना है चाहिए अगर कोई गंभीर मामले का आप पर आप लगा दिया कोई गंभीर अपराध का तो उसे कंडीशन में वकील की गाइडेंस लेकर के पुलिस के पास पक्ष रखना है अपना लेकिन अगर कोई 7 साल तक की सजा वाले मामले हैं तो आप खुद ही चले जाएं पुलिस 7 साल तक की सजा वाले मामलों के अंदर सुप्रीम कोर्ट के तहत भी बाउंड है सुप्रीम कोर्ट ने 41 सीआरपीसी जो हम उसे करते थे वह अपने कानून के अंदर 35 बन शुरू हो गया है 35 बीएस सबसेक्शन 3 से लेकर से 6 तक में जहां पर आपकी गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है तो आपको यह नोटिस मिलेगा इसमें अगर कोई पुलिस वाला आपको गिरफ्तार करना चाहता है तो उसको कारण देना पड़ेगा कि वह क्यों गिरफ्तार करना चाह रहा है तो कारण होना चाहिए रीजनेबल ऐसी स्थिति के अंदर क्या होगा जहां 7 साल तक की सजा वाले मामले वहां आपकी गिरफ्तारी होनी नहीं है यह मानकर चलिए लगभग तो क्या करना है हमें जैसे हमें क्षेत्र 35 बंस का आपको नोटिस मिलता है तो आपको हाजिर होना है क्योंकि अगर आप हाजी नहीं होते असफल होते हैं उसे नोटिस की पालना करने में तो पुलिस को राइट मिल जाता है आपको गिरफ्तार करने का तो यह जो तरीके हैं इसका इस्तेमाल करें कोई भी व्यक्ति अगर आपके खिलाफ रंजिश के कारण झूठी रिपोर्ट दर्ज करा रहा है ।
तो आप बिना डरे अपना पक्ष रख साबित करें सामने वाला झूठ है कोर्ट पुलिस के सामने तो यह सजा होगी अगर कोर्ट में चला गया तो वह सजा होगी जो मैंने आपको इस पोस्ट में अभी बताया फिर भी अगर कोई कंफ्यूजन है तो कमेंट बॉक्स आपके लिए अवेलेबल है आप सवाल कर सकते हैं कमेंट करके ऐसे ही नॉलेज पोस्ट हमारे चैनल पर आते रहते हैं इसलिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर पोस्ट पसंद आए तो ओर लोगो तक भी पोस्ट करें धन्यवाद।
अगर आप को अपने केस मे जानकारी लेनी है ओर वकील सर से पर्सनल कॉल पर जानकारी लेनी है तो आप को अपपोइमेंट बुक करना पड़ेगा तभी आप के पास सर का कॉल आएगा
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