हेलो दोस्तों वेलकम
दोस्तो आज कि ईस पोस्ट में हम ऐसी महिलाओं के बारे में बात करने वाले ही जो कि झूठे मुकदमे दर्ज करवाती है वह पत्नी भी हो सकती है या फिर किसी की गर्लफ्रेंड भी हो सकती है आपने भी कई बार देखा होगा ।
दोस्तों कई महिलाएं किसी के भी ऊपर रेप का केस कर देती है छेड़छाड़ का केस कर देती है तो इसी को लेकर मैं आपको एक जानकारी देने वाला हूं और सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी मैं आपको बताने वाला हूं पोस्ट के साथ बने रहिए ।
जैसा कि आप जानते हैं दोस्तों भारत में महिलाओं की स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है जिसकी वजह से हमें हमारे भारत देश में महिलाओं के खिलाफ आये दिन रेप केसेस सेक्सुअल हैरेसमेंट केसेस क्रुएलटी के केसेस और इसके अलावा घरेलू हिंसा के मामले दहेज प्रताड़ना के केसेस आए दिन हमें देखने को मिलते हैं ।
जिसकी वजह से हमें ऐसा लगता है और मैं भी इस बात से सहमत हूं
और आपको भी ऐसा लगता होगा कि इस तरह के कानून होने बहुत जरूरी है जिससे कि महिलाओं को इस तरह के अपराधों से बचाया जा सके । आपको पता भी होगा कि भारत में इस तरह के कानून एडजस्ट भी करते हैं जैसे भारत में पोश एक्ट बना हुआ है पोस्ट एक्ट का फायदा महिलाओं के लिए क्योंकि यह एक्ट महिलाओं के हित के लिए बनाया गया है यह महिलाओं को प्रोटेक्ट करता है । वर्कप्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट से बचाने के लिए भारत में पोस्ट एक्ट बनाया गया है ।
इसके अलावा आप देखेंगे महिलाओं के हित के लिए डीवी एक्ट भी बनाया गया है जो महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाता है ।
इसके अलावा अगर आप और भी देखेंगे तो डाऊरी प्रोहिबिटेशन एक्ट है जो उसको दहेज प्रताड़ना से बचने की कोशिश करता है ।
और हम जानते हैं कि इस तरह के कानून हमारे भारत देश में लागू है ।
लेकिन फिर भी जब कोलकाता जैसा गैंगरेप होता है निर्भय जैसा गैंगरेप होता है तब हमें लगता है कि हमारे यहां पर कानून नहीं है ।
लेकिन उनके होते हुए भी हमारे कानून इन लोगों को डरा नहीं रहे हैं इन क्रिमिनल को डरा नहीं रहे हैं जिसकी वजह से हमें लगता है कि ।
और ज्यादा सख्त कानून होना चाहिए हमारे देश में और जल्दी इनको न्याय दिया जाना चाहिए ।
ताकि जो लोग यह आफेंस करते हैं उनके मन में भी डर रहे ।
एक तरफ तो यह है जहां पर असल में लोगों के साथ बहुत बुरा हो रहा है यानी लड़कियों के साथ महिलाओं के साथ बहुत बुरा हो रहा है ।
और इस वजह से ऐसे कानून होना चाहिए और इससे ज्यादा स्टिक कानून की जरूरत है भारत में महिलाओं के लिए ।
तभी वह सेफ फिल कर पायेगी ।
क्योंकि क्योंकि भारत में रेप केस महिला से जुड़े कैसे बहुत ज्यादा होने लगे जिससे इंटरनेशनली भारत की छवि पर फर्क पड़ता है ।
यहां पर भारत देश को एक ऐसा कानून बनाना चाहिए जिससे महिलाएं सुरक्षित रहें क्योंकि इससे इंटरनेशनली भारत को नुकसान होता है भारत में ऐसे कानून एक्जिस्ट होना बहुत जरूरी है।
लेकिन दोस्तों इसका एक फ्लिप साइड भी है यानी एक नुकसान भी है वह क्या है दोस्तों।
हमने महिलाओं के लिए अच्छे कानून लाने के लिए पूरी कोशिश की है लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी होती है जो महिलाओं के लिए बनाए गए कानून का मिसयूज करती है।
उनका गलत इस्तेमाल करके आदमियों को फसाया जाता है यानी झूठे केस फाइल करती हैं और जिसकी वजह से आदमी लोग बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं और आदमी लोग बहुत ज्यादा नुकसान भी झेलते हैं ।
और आदमी लोगों को ऐसा लगता है कि कानून उनके फेवर में नहीं हैं कानून उनके खिलाफ है जिसकी वजह से ऐसा एक नेगेटिव इंपैक्ट सोसाइटी में जा रहा है और यह इंपैक्ट ठीक नहीं है यह बात न्याय प्रणाली के लिए भी ठीक नहीं है और यह नेगेविटी चेंज करने की बहुत जरूरत है कोर्ट भी इस चीज को नोटिस करता हैं ।
की कौन महिलाएं गलत है और कोन सही है ।
कोर्ट में सबको पता रहता है की कौन सी महिला गलत कैस फाइल कर रही है और कौन सी महिला सही केस फाइल कर रही है ।
तो दोस्तों एक ऐसा ही कैस आया था कर्नाटक हाई कोर्ट के पास जिसके बारे में। मैं आज आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने वाला हु तो पोस्ट के साथ बने रही है ।
देखिए दोस्तों उस केस में हुआ क्या मैं आपको स्टार्ट से बताने की कोशिश करूंगा ।
सबसे पहले तो कर्नाटक हाई कोर्ट के पास एक कैस आता है और वह कैस एक्चुअल में फेक कैस होता है यानी झूठा कैस होता है ।
एक महिला होती है वह फेक केस करती है ।
तो जिसके खिलाफ केस फाइल होता है वह कर्नाटक कोर्ट में रद्द करने के लिए यानी कुयेश कराने के लिए पहुंचता है ।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया और कर्नाटक पुलिस के जो डीजीपी है और आईजीपी है । उनको एक नोटिस भेज दिए और वह नोटिस भेज कर उनको बताया गया की कर्नाटक में जितने भी थाने हैं उनके अंदर उस महिला की डिटेल भेज दो ।
नोटिस में कोर्ट ने यह भी लिखा है कि इस महिला ने पहले ही बहुत सारे झूठे केस फाइल किए हुए हैं ।
जैसे क्रिमिनल इंटिमिडेशन का केस क्रुएलिटी का केस फाइल कर चुकी है ।
इसके अलावा यह महिला रेप का केस भी फाइल कर चुकी है और भी केस की बात करें तो इस महिला ने झूठे केसेस भी कई बार फ़ाइल कर चुकी हैं।
तो इसकी जो भी डिटेल है वह कर्नाटक हाईकोर्ट ने सभी पुलिस स्टेशन से मांगी है और कर्नाटक पुलिस ने यह बोला कि इस महिला का डाटा बनाओ और इस महिला का डाटा सभी पुलिस स्टेशन के पास अवेलेबल होना चाहिए।
ताकि जब यह महिला आगे किसी और आदमी के खिलाफ झूठा केस फाइल करने के लिए पहुंचे तो एकदम से जाते ही इसका केस फाइल ना कर दे ।
इससे पुलिस वाले उसका जल्दी से कैस नहीं लेंगे ।
अगर पुलीस स्टेशन वालों के पास डाटा नहीं होगा तो उस महिला की पहचान नहीं हो पाएगी ।
अगर पहचान नहीं होगी तो वह ऑफिसर इमीडियटली उस महिला की एफआईआर लिख लेगा ।
लेकिन उसको पता होगा कि यह महिला पहले भी कई बार झूठे केस कर चुकी है तो वह जल्दी से एफआईआर दर्ज नहीं करेगा।
हाई कोर्ट ने सभी पुलिस स्टेशन वालों को यही बोला है कि यह महिला जब भी पुलिस स्टेशन आए तो इसकी जल्दी से रिपोर्ट नहीं लिखनी इसकी पहले जांच करनी चाहिए तभी आप आगे की कार्रवाई करें यानी रिपोर्ट दर्ज करें ।
यहां पर आप उस महिला को मना तो नहीं कर सकते एफआईआर लिखने से ।
यानी मान लीजिए क्या पता वह पहले झूठे कैस करती हो या फिर अब उसके साथ सच में हो गया हो । ऐसा भी हो सकता है तो कोर्ट ने इसीलिए यह कहा है कि उसकी पहले जांच करें तभी आप आगे केस फाइल करें ।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि इससे हमारा इरादा सिर्फ इतना है कि ।
यानी
हम यह नहीं कह रहे हैं कि इसका कैस फाईल नहीं हो हम बस इतना चाहते हैं कि अगर इसमें जो 10 केस झूठे फाइल करें तो 11 वा केस झूठा केस नहीं हों इसीलिए हम जांच करके ही उसका केस फाइल करेंगे।
इसी लिए कोर्ट ने इस तरह के डायरेक्शन इसके खिलाफ भेजें ।
इसने इसके पति के खिलाफ और अपने पति के जो रिश्तेदार है यानी खुद के ससुराल वालों के खिलाफ झूठी एफआइआर फाइल की थी ।
इस महिला ने सभी तरह के झूठे केस कर दिए थे चाहे वह क्रुएलिटी के हो या फिर क्रिमिनल केस हो और इस महिला ने कई सैक्शन में केस फाइल कीया जेसे 323 ,
498A,
504,
506,
और 149,
में केस फाइल कर दिए थे अपने पति के खिलाफ
और अपने ससुराल वालों के खिलाफ ।
इस केस के अंदर पति के तरफ़ से एविडेंस दिए उन्होंने बताया कि इसका यह 11वा केस है जो इसने रजिस्टर किया है इससे पहले यह 10 केस फाइल कर चुकी है अलग-अलग आदमियों के खिलाफ ।
इस महिला ने सभी झूठे केस कर दिए हैं क्रुएलिटी केस हो
या फिर रेप केस हो ।
अब देखो दोस्तों
कोई भी कैस फाइल करता है तो कस्टडी में उस आदमी को ले लिया जाता है उसको जेल में डाल दिया जाता है जब तक फैसला नहीं आएगा तब तक वह जेल में रहेगा ।
तो उसका उतने टाइम के लिए रेपुटेशन खराब उसका टाइम खराब और उसके साथ पुलिस का भी टाइम खराब होता है पुलिस झूठे केसेस में इन्वेस्टिगेशन करने में लगी रहती है जो कोर्ट है उनका भी टाइम खराब हो रहा है तो इस तरह की महिला सिर्फ आदमी को परेशान नहीं कर रही है आदमी के परिवार को भी परेशान कर रही है आदमी की छवि को भी खराब कर रही है और कोर्ट का भी समय खराब कर रही है इसी के साथ पुलिस वालों का भी टाइम खराब कर रही है ।
और इसी के साथ महिलाओं का भी नाम खराब कर रही है ।
अब देखो दोस्तों ऐसे कानून की जरूरत है महिलाओं के प्रोटेक्शन के लिए हम यह बात जानते हैं।
लेकिन लोग क्या सोचते हैं यानी हमारा समाज आजकल क्या सोचने लगा है हमारा समाज यह सोचने लगा है कि महिलाओं के खिलाफ इस तरह के कानून बना दिए गए महिलाओं की फेवर में इस तरह के कानून बना दिए गए हैं कि आदमीयों के लिए जीना मुश्किल हो गया है ।
जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए ।
महिलाओं के लिए ऐसे कानून चाहिए ।
लेकिन महिलाओं की यह जिम्मेदारी बनती है कि अगर ऐसे कानून हमारे देश में लागू है तो उनका मिसयूज ना करें उनको गलत तरीके से इस्तेमाल नहीं करें ।
जिस महिला की हम इस पोस्ट में बात कर रहे हैं ।
यह जो हथकंडे अपना रही थी।
की अगर कोई इंसान के साथ इस महिला की बनती नहीं थी
तो यह उसके खिलाफ केस फाइल कर देती थी
इसकी जिसके साथ लड़ाई हों जाती हैं यह महीला उस व्येक्ति पर झूठे केस लगा देती है ।
मैं एक पोस्ट देख रहा था उसमें इस तरीके से इस महिला के बारे में बताया जा रहा था को एक व्येक्ति ने इस महीला को मोटी बोल दिया । फिर उसके बाद इस महीला ने उस व्येक्ती के खिलाफ़ झूठा केस कर दिया ।
यहां पर सेक्सुअल हैरेसमेंट तो नहीं हुआ ।
लेकिन यहां पर हम यह बात मानते हैं को आपकी बेइज्जती हुई है लेकिन क्या वो सेक्सुअल हैरेसमेंट है वह सेक्सुअल हैरेसमेंट नहीं है लेकिन आप फिर भी ऐसे कैस में सेक्सुअल हैरेसमेंट का केस फाइल करेंगे तो यह बात गलत है ।
यह कानून महिलाओ के प्रोटेक्शन के लिए बनाए गए हैं उनको अगर वह मिसयूज करेंगी तो यह उनके फेवर में नहीं जाएगा यह पूरे महिला जेंडर के खिलाफ जाएगा ऐसा किसी भी महिला को नहीं करना चाहिए ।
यहां पर बस में इतना कहना चाहता हूं कि आपकी गलती की सजा किसी और को ना मिले क्योंकि आपके झूठे केस करने से महिला जेंडर को बहुत फर्क पड़ता है ।
ऐसी झूठी महिलाओं की वजह से भारत में सच्ची महिला के साथ जो घटना हो रही है उन्हे इस चीज का न्याय मिलने में थोडा समय लग जाता हैं ।
तो मेरी सभी महिला जेंडर से यही अपील है कि किसी भी आदमी के ऊपर झूठा केस करके महिला जेंडर को बदनाम ना करें इससे लोगों में गलत मैसेज जाता है । बाकी आप समझदार है ऐसी महिलाओं के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होना।
आने वाले समय में कानून से रिलेटेड सभी तरीके की पोस्ट लता रहूंगा तो मेरी चैनल को सब्सक्राइब जरूर करके रखें और पोस्ट पसंद आया है तो पोस्ट को लाइक शेयर जरूर करें थैंक्स फॉर गाइस
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