कोर्ट से जमानती वारंट आने पर क्या करें ? What to do when a bailable warrant comes from the court?

कोर्ट से जमानती वारंट आने पर क्या करें ? What to do when a bailable warrant comes from the court?
वेलकम दोस्तों तो आज की इस पोस्ट में हम हमारे फॉलोअर में जो मैं कमेंट किया उसका जवाब दे रहे हैं उन्होंने हमसे पूछा कि कोर्ट से अगर जमानती वारंट आ जाए तो हमें क्या करना चाहिए तो जुड़े रहें इस पोस्ट के साथ और पूरा पड़े और अपनी जानकारी को पूरी मजबूती से याद रखें आगे भी आपके काम आएगा और इसे लोगों तक शेयर करें जो जरूरतमंद है जिसको इस चीज की जानकारी नहीं है उन तक यह जानकारी पहुंचाएं तो शुरू करते हैं इस पोस्ट को……….

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दोस्तों विवर्स का सवाल यह था कि बेलेबल वारंट से कैसे बचे और हमें कैसे डील करना चाहिए दोस्तों अगर किसी भी व्यक्ति को बेलेबल वारंट प्राप्त हुआ है तो पहले आपको बेलेबल वारंट को समझना चाहिए कि यह किस तरीके का होता है बेलेबल वारंट तब आता है उसके अंदर सबसे पहले ऊपर वाली लाइन में कोर्ट का नाम लिखा हुआ होता है जिस कोर्ट ने आपके विरुद्ध बेलेबल वारंट जारी किया हो उसके बाद लिखा होता है कैसे का नाम प्रकरण का नाम इसका मतलब यह है कि किस पार्टी ने आपके विरुद्ध कैस किया है उसके बाद लिखा होता है प्रकरण की संख्या मतलब मुकदमा नंबर और उसके बाद लिखा होता है क्षेत्र मतलब किन धाराओं में आपके विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है इसके बाद आपको अपना नाम मिलेगा और उसके बाद आपको मिलेगी दिनांक किस डेट पर आपको कोर्ट में उपस्थित होना है और किस समय आपको उपस्थित होना है यह सभी उसे पेपर में लिखा हुआ मिलेगा आपको और उसे पेज पर ही न्यायालय की मोहर भी लगी होगी और मजिस्ट्रेट के सिग्नेचर उसे पेज पर होगा तो दोस्तों यह होता है एक बेलेबल वारंट मतलब जमती है वारंट यह जमात की वर्ल्ड उसे व्यक्ति को जारी हुआ है जिसने हमारे से सवाल पूछा है इसके अलावा दोस्तों अगर आपको क्रिमिनल केस में समान जारी होता है समान वाली स्थिति को भी हम इस पोस्ट में बता रहे हैं और इसी तरह की से हम सामान वाले केस को भी हम समझ सकते हैं किसने समन भेजा कौन से कोर्ट ने भेजो और किन धाराओं में भेजो कोर्ट ने किस दिनांक पर बुलाया और किस समय पर बुलाया जिस तरीके से जमानती शब्द आता है उसी तरीके से सामान भी आता है इन दोनों ही स्थिति में आपको वकील के पास जाना है वकील साहब के पास जाकर आपको यह सब कुछ बातें वकील सर को बताने आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह बेलेबल वारंट है तो आपकी जमानत तो होनी होनी है समान वाले मामले में भी आप जाकर के वकील को दिखाएं क्योंकि गाइड तो आपको वकील ही करेगा और आगे कैसे की प्रक्रिया भी वकील ही शुरू करेगा वकील आपकी तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश करके आपकी तुरंत जमानत करवा देगा इसमें आपको कोई समय नहीं लगेगा जिस दिनांक  पर आपको कोर्ट ने बुलाया है उसी दिनांक पर आपकी जमानत हो जाएगी ।

लेकिन दोस्तों इसके अलावा आपके पास दूसरा रास्ता भी है कि अगर आपको यह लगता है कि जो यह मेरे विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है यह झूठा है संबंधित व्यक्ति ने मेरे विरुद्ध झूठा केस करके बेलेबल वारंट जारी करा दिया कोर्ट ने जो जारी किया है अवेलेबल वारंट वह गलत किया है आपको ऐसा लगता है और आपके पास कोई प्रमाण भी है कि नहीं मैंने यह काम नहीं किया ऐसा मैंने तो कुछ किया ही नहीं कोर्ट मेरे ऊपर गलत बेलेबल वारंट जारी किया

 

तो ऐसी स्थिति में आपको अपने वकील से बोलना है कि हमें चलेंगे करना है फिर आपके पास यह अधिकार है 397 (crpc) सीआरपीसी के तहत उसे बेलेबल वारंट का जो आर्डर है जो आपके विरुद्ध कोर्ट ने जारी किया है उसको चैलेंज कर सकते हैं सेशन न्यायालय के अंदर !

(( 397 crpc के बारे में नीचे पड़े ))

करना क्या है और वह कैसे होता है मामले की सर्टिफाइड नकल निकलवानी पड़ती है आपके वकील निकलवा लगा उसके बाद पिटीशन आपकी तरफ से फाइल की जाएगी सेशन न्यायालय के अंदर आप जो बात बता रहे हैं आपके पक्ष की उसका आप हवाला देते हुए उसे ऑर्डर को चैलेंज किया जाएगा तब तक वह जो कार्यवाही है लोअर कोर्ट की जिसने आपको बेलेबल वारंट के द्वारा यह सामान के द्वारा आपको बुलाया गया हो तो वह कार्रवाई वहां पर ही पेंडिंग रह जाएगी और यूं समझ एक तरीके से स्टे लग जाएगा ! तो कुल मिलाकर बात यह है कि फिर उसमें सुनवाई होगी आपके ऊपर जो बेलेबल वर्ल्ड निकल गया है कोर्ट की तरफ से क्या वह सही है या गलत है आप संतुष्ट कर देते हैं तो आपका बेलेबल वारंट रद्द हो जाएगा और अगर आपको लगता है की हां हमने ऐसा किया है तो अब जाकर जमानत करवा सकते हैं जिस डेट का आपके पास अवेलेबल वारंट आया है उसे डेट पर ही आपकी जमानत हो जाएगी तो आप दोनों तरीके अपना सकते हैं जब भी आपके पास बेलेबल वारंट है या समान वारंट आए तो आपको इसी तरीके से डील करना है जिस तरीके से आपको बताया गया है जानकारी अच्छी लगी हो तो आप इसको दूसरे लोगों तक भी शेयर करें और अगर आपको फिर भी कंफ्यूजन है डाउट है तो आप हमें नीचे दिए गए नंबर पर कॉल करके एडवोकेट सर से बात करने के लिए अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं धन्यवाद

मोहम्मद सलीम एडवोकेट
मोबाइल नंबर 9982874867

 

(( 397 crpc = धारा 397 उच्च न्यायालय या सत्र न्यायालय को यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किसी भी अधीनस्थ (सबॉर्डिनेट) अदालत के समक्ष किसी भी कार्यवाही के रिकॉर्ड को बुलाने और उसकी जांच करने का अधिकार देती है:

• निचली अदालत द्वारा पारित किसी भी आदेश की सटीकता, कानूनी वैधता या विवेक; या

• ऐसी अदालत की किसी भी कार्यवाही की निरंतरता (कंसिस्टेंसी)।

उच्च न्यायालय या सत्र न्यायालय यह भी आदेश दे सकता है कि किसी भी निर्णय या आदेश के कार्यान्वयन (इंप्लीमेंटेशन) को निलंबित कर दिया जाए और अभियुक्त को या तो जमानत पर या रिकॉर्ड की जांच के लिए उसके स्वयं के बांड पर रिहा कर दिया जाए। संहिता की धारा 397 भी पुनरीक्षण न्यायालयों को जमानत देने का अधिकार देती है। )))

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