कोर्ट में कोई व्यक्ति आपके खिलाफ झूठी गवाही दे तो क्या करना चाहिए ?

दोस्तों तो आज हम आपको ऐसे कैस की जानकारी देने वाले हैं जो आपके जीवन में जरूरत के समय बहुत काम आएगी जैसा कि आपको पता है कि आज के दौर में कोई भी व्यक्ति किसी के खिलाफ झूठी गवाही दे देता है पैसों की खातिर । तो आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको यह जानकारी देंगे की कोई भी व्यक्ति आपके खिलाफ झूठी गवाही दे तो हमें उसके खिलाफ क्या कार्रवाई करनी चाहिए जाहिर सी बात है इस तरीके के लोगों के खिलाफ मतलब जो व्यक्ति झूठी गवाही देते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तो यह हर व्यक्ति को सजा दिलवा सकते है  लेकिन हमारे देश के कानून में झूठी गवाही देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश है आज से कुछ समय पहले हमारे देश में गीता या कुरान के ऊपर हाथ रखकर शपथ दिलवाई जाती थी फिर उसके बाद कोर्ट में गवाही दिलवाई जाती थी गवाह से यह माना जाता था कि वह सत्य ही बोलेगा उसने गीता या कुरान की कसम खाई है तो लेकिन तब पता चला कि लोग गीता या कुरान की कसम खाने के बाद भी झूठी गवाही दे देते हैं

और कोर्ट में झूठ बोल देते हैं जिस कारण इस सिस्टम को खत्म कर दिया गया है इसी कारण कोर्ट में गीता और कुरान पर हाथ रखकर शपथ देना बंद कर दिया गया है केवल सिर्फ और सिर्फ नॉर्मल शपथ दिलाई जाती है जिसमें जो गवा देता है उसे यह बुलवाया जाता है जैसे की , जो कहूंगा सच कहूंगा सच के सिवा कुछ नहीं कहूंगा यह बात गवाह  देने वालो से बुलवाई जाती है गीता और कुरान का अपमान ना हो जीस
लिए गीता और कुरान पर हाथ रखकर शपथ दिलाना बंद करवाया गया था तो आज की तारीख में कानून है हमारे देश में कोई भी व्यक्ति किसी भी कोर्ट में जाकर शपथ लेने के बाद किसी के खिलाफ झूठी गवाही देता है या कोई ऐसा एफीडेट कोर्ट में पेश करता है जिसका वह उसको पता है कि यह झूठा है या वह इसके बारे में गवाही दे रहा है उदाहरण के तौर पर की साहब मैंने देखा एक लड़का लड़की को जबरदस्ती लेकर गया और उसके साथ बलात्कार किया जबकि उसने यह देखा ही नहीं

जबकि ऐसा है कि लड़का और लड़की दोनों अपनी मर्जी से गए थे घर वालों को पता चल गया तो जिसने गलत सूचना दी उसके ऊपर केस कर देगी और वह जेल में गिरफ्तार हो जाएगा दूसरा उदाहरण या फिर कोर्ट में किसी का दवा चल रहा है किसी प्रकार का मुकदमा चल रहा है जिसमें झूठी गवाही देने वाला बोलता है कि साहब मैंने देखा था इन दोनों के बीच इस तरीके का कोई ट्रांजैक्शन हुआ था या फिर कोई एग्रीमेंट हुआ था उसे चीज में जाकर वह गवाह बनता है और इस बात की टायर करता है वह हां इन दोनों के बीच में कोई कॉन्ट्रैक्ट हुआ था यह प्रॉपर्टी को  बेची  थी कोई भी केस हौ अगर कोई झुटा गवाह बन कर झुटा एफिडेविट पेश कर रहा है तो वो ये भी झुट बोल रहा है एक्चुअल में उसके सामने कोई कांट्रेक्ट नहीं हुआ । ना ही कोई प्रॉपर्टी बेची । तो इस तरीके के व्यक्ति जो कोर्ट में जाकर झूठ बोलते है आपका जो वकील है वह ग्रॉस एग्जामिनेशन करता है और वह उसे ग्रॉस एग्जामिनेशन करके यह पॉइंट लेकर आ जाता है कि साहब कोर्ट की नॉलेज में यह पॉइंट उजागर करता है कि यह जो व्यक्ति गवाही देना आया है यह प्लांटेड या फिर इस तरीके से बोले कि यह तो पैसे देकर खरीदा हुआ गवाह है

मतलब यह झूठा गवाह है अगर आप यह साबित कर देते हैं कोर्ट में तो आप जूते गाव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा कर उसको सदा जला सकते हैं आप भी मुकदमा कर सकते हैं और न्यायालय खुद ही केस कर सकता है जूते गवाह के खिलाफ और ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करनी भी चाहिए अगर आपको भी कोई झूठे केस में फंसने की कोशिश करें तो आप कोर्ट का सहारा ले और झूठे गवाह को झूठा साबित करें फिर उसके बाद न्यायालय कि उसकी सजा दिलाने का काम करेगा अगर आप चाहे तो आप भी उसके खिलाफ केस दर्ज करा कर उसको जेल में करवा सकते हैं अगर आप सरकारी वकील से कारण या फिर अपने निजी वकील से कर है

उसके ऊपर केस दर्ज करा कर उसकी सजा दिला सकते हैं खाने का मतलब यह है और इस पोस्ट का माध्यम यह है कि अगर कोई व्यक्ति अपने खिलाफ झूठी गवाही दे तो आप उसको जेल में करवा सकते हैं आपको न्यायालय का सहारा लेना पड़ेगा और इसके अलावा 193 ipc के तहत झूठी गवाही देने वाली युवक को 7 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है


i p c = 193ipc के बारे में भी पड़े
भारतीय दंड संहिता की धारा 193 के अनुसार जो भी कोई साशय किसी न्यायिक कार्रवाई के किसी प्रक्रम में झूठा साक्षी देगा यह किसी न्याय कार्रवाई के किसी प्रक्रम में उपयोग किए जाने के प्रयोजन से झूठा साक्षी गड़ेगा तो उसे किसी एक अवधि के लिए सज़ा का कारावास जिसे 7 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदाई होगा और जो भी कोई किसी अन्य मामले में शशि जूता साक्षी देगा या घटेगा तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारोबार जिसे 3 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदाई होगा
स्पष्टीकरण नंबर 1= सेना न्यायालय के समक्ष विचारणीय न्यायीक कार्यवाही हैं ।
स्पष्टीकरण नंबर 2 = न्यायालय के समक्ष कार्रवाई प्रारंभ होने के पूर्व जो विधि द्वारा निर्दिष्ट अन्वेषण होता है वह न्याय कार्रवाई का एक पराक्रम है चाहे वह अन्वेषण किसी न्यायालय के सामने न भी हो ।
स्पष्टीकरण नंबर 3 = न्यायालय द्वारा विधि के अनुसार निर्दिष्ट और न्यायालय के प्राधिकार के अधीन संचालित अन्वेषण न्यायिक कार्रवाई का एक पराक्रम है चाहे वह अन्वेषण किसी न्यायालय के सामने ना भी हो ।
लघु अपराध

1- न्यायीक  कार्यवाही में झूठा साक्षी देना या गणना जिसमें 7 वर्ष की सजा का करवा है और इसी के साथ अधिक दंड भी है

2- किसी अन्य मामले में झूठा साक्षी देना या गणना उसमें 3 वर्ष की सजा का कारावास और अधिक दंड है
इसमें यह भी बताया गया है कि यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है

note- अधिक जानकारी के लिए आप हमसे कॉल पर बात करके भी अपनी जानकारी या फिर अपने केस के बारे में जानकारी ले सकते हैं चाहे वह कौन सा भी कैस हो मोबाइल नंबर अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए नीचे लिखे हुए  मोबाइल नंबर 9982874867

Mohammed Saleem

I Am Advocate By Profession And My Objective Through This Website To Provide Legal Information To The Public So They Can Become Aware For Their Rights Or Fight For Justice.

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