कारगिल विजय दिवस पर कविता
अपनी जान देकर जिसने
तिरंगे की शान रखी थी
हाथों में बंदूक उठाकर
उसने भारत मां की रक्षा की थी
चखाया था हार का स्वाद पाकिस्तान
को उसके मुंह पर लगाम लगाई थी
कारगिल युद्ध में जीतकर भारत ने
एक नए इतिहास की गाथा रचाई थी
गोलियों से लड़े थे वह जवान लहू
की नदियां बहा दी थी अपनों से
बिछड़ कर उन्होंने हमारे लिए
जीत की धुन गायी थी उन जवानों
को मेरा शत-शत नमन जिन्होंने
जान की बाजी लगाई थी
शहीद होकर भी उन्होंने अपने देश की रक्षा की थी #calligraphycreators