एक तरफा  तलाक कैसे लें ?

जैसे कि आपको पता है कि आज के टाइम पर तलाक की बहुत सारे कैस होने लगे । पति-पत्नी एक दूसरे से परेशान होकर तलाक लेना चाहते हैं तो हम इसके ऊपर एक जानकारी देंगे आपको की आपको आगे क्या करना है एक तरफा तलाक कैसे लेना है तो इसकी जानकारी हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको देंगे तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़े

देखा जाता है कि पति या पत्नी में से दोनों में से एक तलाक लेना चाहता है लेकिन दूसरी पार्टी डाइवोर्स देने को तैयार नहीं है ऐसा मानो जैसे पति तलाक देना चाहता है पत्नी को लेकिन पत्नी तलाक नहीं देना चाहती तो इस तरीके का एक तरफा तलाक कैसे होता है क्या यह आसान है या मुश्किल है और इसकी प्रक्रिया क्या है किस तरह से मिलता है एक्स पार्टी divorce ।
एक्स पार्टी divorce का डायरेक्ट प्रोविजन की भाई हम डायरेक्ट एक्स पार्टी के लिए कोर्ट में चले जाये ये कही भी नही है  आपको अगर तलाक लेना है अपनी पत्नी से या आपको तलाक लेना है अपने पति से दोनों की बात करें हम इस पोस्ट के माध्यम से पत्नी को चाहिए या पति को चाहिए तो आप कंटेस्टेंट डाइवोर्स के लिए section 13 में ही जाएंगे संबंधित न्यायालय में। उदाहरण के तौर पर फैमिली कोर्ट में अपने फाइल करना है आपका जो डायवोर्स पिटीशन है उसको ।
अब ग्राउंड जो भी लेना चाहे आप क्रुएलिटी लेना चाहे डिमांड लेना चाहे घर से निकाल दिया उसने कोई भी कारण एडल्ट्री लेना चाह रहे हैं जो भी आप ले रहे हैं उसे पिटीशन में ग्राउंड को मेंशन करते हुए कोर्ट में फाइल कर देना होता है अपना आवेदन, अब प्रक्रिया यह है कि जब आप आवेदन करते हैं तो पति को नोटिस जारी करेगा कोर्ट पति को बुलाएगा उसका पक्ष रखवाने के लिए उसका पक्ष सुनने के लिए तो ।
तो समन की प्रक्रिया हैं  कोर्ट समन की प्रक्रिया जारी करता है उसके जो पूर्ण पता आपने लिखा है पूर्ण पता ही आपको आवेदन में मेंशन करना चाहिए पति का गलत पता नहीं भरना आपको आवेदन के अंदर वरना नोटिस गलत जगह पर जाएगा फिर वापस आपको दोबारा आवेदन करना पड़ेगा इसलिए हमेशा आपको ध्यान रखना है आवेदन में पता आपको बिल्कुल सही लिखना है चाहे आप पता पति के खिलाफ लिखो या फिर पत्नी के खिलाफ इसलिए एक बार में ही परफेक्ट लिख दें नोटिस सर्व हो जाए प्रॉपर्ली डिलीवर हो जाए उसके बाद उसको अपियर होना है कोर्ट के अंदर क्या चीज है नोटिस यह सोचना है उस व्यक्ति को जिससे आपको तलाक़ लेना है उस सूचना के माध्यम उस समन के माध्यम  यह बताया जा रहा है कि कोर्ट में आपके पति ने आपके विरुद्ध आवेदन किया है या आपके पत्नी ने आपके विरुद्ध जारी किया है कोर्ट में किस बात का आवेदन किया है section 13 में तलाक का आवेदन किया है क्या तो केस नंबर है और क्या तो तारीख की और कितने बजे कोर्ट में पहुंचना है उसमें न्यायालय की महौर लगी हुई है और उसके ऊपर हस्ताक्षर हो रहे हैं और उसे पर जज पिठासीन अधिकारी के दस्तखत हो रहे हैं यह सारी इनफार्मेशन उसके पास पहुंच गई प्रॉपर्ली डिलीवर हो गया अब उसको आना ही है लोयर कहता है  कि तू आजा तेरा पक्ष रख जा तू सुना जा तेरी तरफ से क्या कहना चाहता है और जवाब लेकर आजा ।  आमतौर पर प्रैक्टिकल चीज यही है अगर किसी को नोटिस प्राप्त होता है तो व्यक्ति अपने वकील के साथ उपस्थित होता है अपनी आईडी पेश करता है कोर्ट को बताने के लिए हमें वह व्यक्ति हूं जिसको समन किया गया है कोर्ट की तरफ से साइन करता है और टाइम लेता है जवाब के लिए यह प्रैक्टिकल चीज है वकील भी एकदम से आकर जवाब पेश नहीं करेगा तो टाइम लेगा नेक्स्ट जवाब के लिए वैसे तो यह है कि 60 day मे आजाना चाहिये रिप्लाई 90 days तक भी लग जाता है ओर ज्यादा टाईम भी लग जाता है तो अगर नोटिस देने पर वह कोर्ट में आ गया जिसके खिलाफ नोटिस जारी किया था तो कंटेस्टेंट डाइवोर्स आपका रन करेगा तो यहां पर आपको एक्स  पार्टी डायवर्स नहीं मिलेगा अगर वह नहीं आया उसको समन प्रॉपर्ली डिलीवर हो गया तारीख मेंशन कीजिए समन में टाइम मेंशन किया था कोर्ट का पता था किस का नाम था उस तारीख को उसको बुलाया कोर्ट ने और वह नहीं आता है आपने तलाक का आवेदन किया आपको तो उपस्थित होना ही है जब प्रॉपर्ली डिलीवर हो गया उसके बावजूद भी वह  नहीं आया तो अब कोर्ट करेगा एक तरफा कार्यवाही  पार्टी ऑर्डर उस व्यक्ति के विरुद्ध करेगा जिसको सूचना दे दी वह नहीं आया कोर्ट के बुलाने पर भी अब जो व्यक्ति उसके पास आया है जो उससे प्रय  कर है कि सहाब मुझे तलाक चाहिए उसकी बात को सुनते हुए कोर्ट एक तरफा ऑर्डर करेगा उसके फेवर में और कहेगा ठीक है तुम्हारा आवेदन मैं अब इसके अन्दर  तुम्हारा जो आवेदन है इसके अंदर शक्षेय पेश करो उसके खिलाफ तो एक्सपर्टेड हो गया फिर आप एफिडेविट पेश करते हैं अपनी तरफ से जिसको तलाक लेना है वही जो अपने आवेदन किया है उसी के आधार पर एफ़िडेबिट तैयार हो जाता है वह पेश हो गया अब सामने वाला क्रॉस एग्जामिनेशन के आपका पति या फिर आपकी पत्नी उपस्थित नहीं है तो कोई एक क्रॉस होना ही नहीं है आपसे। एग्जामिनेशन फिर स्टेज आगया आपकी अरगुमेंट की आपको खुद को आर्गुमेंट करना है अपने जो डॉक्यूमेंट है वह पेश करना है संबंधित जो आप फेक्ट बता रहे हैं क्या आप पत्नी थी क्या आपके पास मेरीज सर्टिफिकेट है वह पेश करना है जो भी आप प्रूफ पेश कर रहे हैं आपके केस के रिगार्डिंग योर कैस उसके बाद उस पर एक्जीबिट डालो एविडेंस के टाइम पर जरूरत पड़ रही है तो अदरवाइज आप डायरेक्ट अरगुमेंट करते जब आपको एफिडेविट पेश हौ जाता है अब अरगुमेंट में यही बात करेंगे की साहब मुझे तलाक चाहिए अपने पति से कारण आपको पहले ही मेंशन कर रखे हैं जैसे क्रुएलिटी डिमांड या फिर एडल्ट्री जो भी आपने लिखा है उसके अंदर उसे पॉइंट को रेज़ करते हुए आर्ग्यू  कर देते है कोर्ट आपको एक तरफ डायवोर्स ग्रांट कर देता है तो यानी एक्सपर्टेड डाइवोर्स आप डायरेक्ट नहीं ले सकते हैं यह प्रक्रिया है कि पहले यह तो आप कन्टरेस्टेड फाइल करेंगे तो फिर अगर वह उपस्थित नहीं होता है तो एक तरफा कार्रवाई हो जाती है उसे व्यक्ति के खिलाफ क्योंकि वह उपस्थित नहीं हुआ कोर्ट के अंदर लेकिन मान लीजिए स्टार्टिंग में वह उपस्थित हो गया और बीच में गायब हो गया तब भी एक पार्टी फैसला होगा कभी भी वह अपने केस को छोड़कर चले जाएगा या फिर यूं समझें वह कोर्ट में पेश नहीं होगा तो एक्स पार्टी फैसला होगा ।
अगर आपको अधिक जानकारी चाहिए इस केस के बारे में बिल्कुल कंसर्ट चाहिए पूरी जानकारी चाहिए पर्सनली वकील साहब से बात करना है तो आपको नीचे दिए गए नंबर पर अपॉइंटमेंट बुक करा कर वकील साहब से बात करना है आपको अपने केस के रिकॉर्डिंग पूरी जानकारी दी जाएगी इसी के साथ अन्य कैसे के बारे में जानकारी दी जाएगी धन्यवाद
(मोबाइल नंबर- 9982874867)

Mohammed Saleem

I Am Advocate By Profession And My Objective Through This Website To Provide Legal Information To The Public So They Can Become Aware For Their Rights Or Fight For Justice.

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