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अरविंद केजरीवाल की बड़ी मुश्किल है दिल्ली शराब घोटाले के मामले को जानिए !Arvind Kejriwal is in big trouble. Know the case of Delhi liquor scam!

आप शराब पीते हैं या नहीं पीते यह आपका व्यक्तिगत विषय है इसीलिए हम आपसे यह तो नहीं पूछेंगे कि आप शराब पीते हैं या नहीं लेकिन अगर आप शराब नहीं पीते हैं और दिल्ली में रहते हैं तो शायद आपको यह नहीं पता होगा कि नवंबर 2021 से अगस्त 2022 तक दिल्ली में शराब बेहद सस्ती हो गई थी इतनी सस्ती के कुछ पीने वालों से बात करके हमें पता चला है कि दिल्ली में कुछ दुकानों पर तो शराब की एक बोतल के साथ एक बोतल फ्री भी मिल रही थी दिल्ली में कुछ शराब पीने वालों से अगर आप तसल्ली से बैठकर बात करो तो शायद वह आपको यह भी बताएं कि जिस दुकान से वह शराब खरीद करते थे वह दुकान बंद हो गई या किसी दूसरी दुकान पर शराब एकदम से सस्ती मिलने लगी इसीलिए वह अपनी पुरानी दुकान को छोड़कर नई दुकान से शराब खरीदने लगे दिल्ली में शराब की बिक्री को लेकर जो यह अचानक से बदलाव हुआ था उसका कारण था दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति माने न्यू एक्साइज पॉलिसी अब प्रवर्तन निदेशालय मान्य  ED ने  इसी दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में गठित भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आरोपी बता कर गिरफ्तार कर लिया है नमस्कार आज हम बात करेंगे दिल्ली सरकार की इसी न्यू एक्साइज पॉलिसी 2021-22 पर लेकिन इस मामले में कुछ दिन पहले ही हुई अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर आने से पहले हम आपको सब कुछ शुरू से बताना चाहते हैं

हुआ यह था कि 4 सितंबर 2020 को दिल्ली सरकार ने एक एक्सपर्ट फाइनल का गठन करके इस पैनल को यह जिम्मेदारी शॉपिंग की यह पैनल दिल्ली सरकार को दिल्ली में शराब की खरीद फारूक की नीतियों को बंद करने के लिए कुछ सुझाव स्पाइनल ने दिल्ली सरकार को कुछ सुझाव दिए और दिल्ली सरकार का कहना है कि इन्हीं सुझावों पर गौर फरमाते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली में 17 नवंबर 2021 को नयी आबकारी नीति लागू कर दी नहीं आबकारी नीति के लागू होते ही दिल्ली में शराब की खरीद फारूक को लेकर पूरा माहौल ही बदल गया बहुत सारी शराब की दुकानों पर एक बोतल के साथ एक बोतल फ्री करने लगी क्या क्लब क्या रेस्टोरेंट क्या बार शराब बेचने वाली हर लाइसेंस की जगह पर शराब रात के 3:00 बजे तक बिकने लगी दिल्ली की शराब की दुकानों को खुली छूट दी गई कि वह सरकार के द्वारा निर्धारित शराब की मैक्सिमम रिटेल प्राइस यानी एमआरपी पर अपनी मर्जी से ग्राहकों को डिस्काउंट दे सकते हैं इसी के साथ-साथ हुआ यह की दिल्ली में शराब का बाजार छोटे दुकानदारों के हादसे निकालकर बड़े दुकानदारों के हाथ तक सीमित होता चला गया असल में हुआ यह था कि नयी आबकारी नीति के तहत दिल्ली सरकार ने शराब के व्यापार से अपने हाथ किसी हद तक पीछे खींच लिए और कल 849 प्राइवेट वेंडर को शराब बेचने के लाइसेंस बांट दिए बाजारवादी शक्तियों को खुली छूट मिलने की वजह से शराब बेचने वाले छोटे व्यापारियों का जीना दुबर हो गया क्योंकि बड़े व्यापारी एक बोतल के बदले एक फ्री जैसी स्कीम ले आए और सारे के सारे ग्राहक छोटी दुकानों की जगह बड़ी दुकानों पर जाने लगे अगस्त 2022 आते आते दिल्ली सरकार ने नयी 

आबकारी नीति को वापस तो ले लिया लेकिन अगस्त 2022 तक जिन 849 प्राइवेट वेंडर को 2021 में शराब बेचने के लाइसेंस मिले थे उनमें से कुल 468 दुकाने बाजार में बहुत तगड़ा कंपटीशन होने की वजह से खुद ब खुद बंद हो गई दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ पहली प्रतिक्रिया दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार की तरफ से आई जुलाई 2022 में नरेश कुमार ने दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर भी के सक्सेना को एक रिपोर्ट्स सोपी जिसमें उन्होंने जताया की दिल्ली सरकार की नयी आबकारी नीति में दिल्ली के डिप्टी चीफ मिनिस्टर ने मनमानी तरीके से एक तरफा फैसले  लिए हैं जिससे सरकार को आर्थिक तौर पर भयंकर नुकसान हो रहा है नरेश कुमार ने अपनी रिपोर्ट में यह भी जोड़ा कि दिल्ली की नयी  आबकारी नीति गवर्नमेंट ऑफ़ नेशनल टेरिटरी एक्ट 1993 ट्रांजैक्शन का बिजनेस रूल्स 1993 दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल 2010 का उल्लंघन करती है जुलाई 2022 की इसी महीने में दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वी के सक्सेना ने इस पूरे मसले पर सीबीआई जांच की हिदायत दे दी अगस्त 2022 में जहां एक तरफ दिल्ली सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति को वापस लेकर पुरानी आबकारी नीति को वापस फिर से लागू कर दिया तो वहीं दूसरी ओर सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मार दिया सीबीआई में आईपीसी के सेक्शन  120 B और प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट के क्षेत्र साथ में मामला दर्ज किया !

और बाद में 26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि जिन धाराओं में मनीष सिसोदिया पर मामला दर्ज हुआ था उन धाराओं को प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लांड्रिंग एक्ट में अनुसूचित अपराध के तौर पर गिना जाता है इसीलिए इस पूरे मामले में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने भी अपनी तरफ से जांच शुरू कर दी मनीष सिसोदिया जमानत पर छूट दे उससे पहले 8 मार्च 2023 को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने सिसोदिया को फिर से गिरफ्तार कर लिया सिसोदिया को छोड़कर इस मामले में और भी तमाम गिरफ्तारियां जैसे एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने दिनेश अरोड़ा नाम के एक व्यापारी का बयान दर्ज किया और इस बयान के आधार पर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह पर आरोप लगाया कि दिनेश अरोड़ा की तरफ से दो बार में दो करोड रुपए संजय सिंह के घर पर भिजवाए गए थे इस आरोप  के आधार पर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार कर लिया

इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी के मीडिया एंड कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर तेलंगाना की पॉलीटिकल पार्टी भारत राष्ट्र समिति की के कविता हैदराबाद की अरविंदो फार्मास्यूटिकल लिमिटेड के मालिक शरण रेड्डी और आंध्र प्रदेश की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस से आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी में शिफ्ट कर चुके मागूंटा श्रीनिवासुलू रेड्डी और उनके बेटे राघव मागूंटा को भी गिरफ्तार किया गया एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट का आरोप है कि इन तमाम गिरफ्तार हुए लोगों में से बहुत से लोगों को दिल्ली सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली के कुल 32 जोंस में से 9 जून में शराब के व्यापार की खुली छूट दी थी और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के आरोप के मुताबिक दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली के शराब मार्केट में खुली छूट मिलने के आवाज में इन सभी लोगों ने दिल्ली सरकार को जमकर आर्थिक लाभ पहुंचाया था इस मामले मे गिरफ्तार हुये कुछ लोगो पर हम एक एक करके बात करने वाले है मसलन गिरफ्तार स्काशियतों मे से एक जरूरी नाम अरविनदों फर्म्स्त्र्तिक्त  शरद रेड्डी का शरत रेडी को नवम्बर 2022 मे गिरफ्तार किया गया था अपनी गिरफ्तारी से पहले शरत रैडी की कंपनी अरविंदो फार्मा भारत राष्ट्र समिति को नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था अपनी गिरफ्तारी के पहले शरद रेड्डी की कंपनी अरविंदो फार्मा भारत राष्ट्र समिति तेलुगू देशम पार्टी और बीजेपी को इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा दिया कर लेकिन और बाद में जमानत पर छूट गए एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की गिरफ्तारी में चल रहे अरविंद केजरीवाल ने बीती 28 मार्च को स्पेशल सीबीआई जज कावेरि बबेजा के सामने  के सामने अपना पक्ष रखते हुए एनफोर्समेंट डाइरैक्टर पर आरोप लगाया कि शरद रेड्डी को जमानत इसलिए मिली क्योंकि पहले तो उन्होंने मेरे खिलाफ बयान दिया और ऊपर से बीजेपी को 55 करोड़ का चुनावी चंदा भी दिया गिरफ्तार हुए लोगों में अगला जरूरी नाम है  राघव मगुंटा का राघव मगुंटा एनफोर्समेंट डाइरैक्टर ने गिरफ्तार करके उनका बयान प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लांड्रिंग एक्ट के क्षेत्र 50 में दर्ज किया था राघव मिगूंथा ने अपने बयान में कहा था कि उनके पिता श्रीनिवासुलू रेड्डी को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली बुलाकर दिल्ली की नयी आबकारी नीति के जरिए फायदा पहुंचकर बदले में दिल्ली और पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनाव के लिए 100 करोड रुपए मांगे थे आपको बताते चलें कि राघव में गुंडा भी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की तरफ से सरकारी गवाह बन गए थे और जमानत पर छूट भी गए थे

आने वाले लोकसभा चुनाव में राघव के पिता मुगूंथा श्रीनिवासुलू  रेड्डी बीजेपी की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं मुगूंथा श्रीनिवासुलू रेड्डी और राघव गुंटा पर अपनी बात रौस रेवेनेऊ कोर्ट के सामने रखते हुए केजरीवाल ने कहा की मगूंथा श्रीनिवासुलू रेड्डी और राघव में मगुन्ता दोनों ने ही शुरू शुरू में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट को मेरे खिलाफ कोई बयान नहीं दिया लेकिन जब राघव मगुंटा को एनफोर्समेंट डायरेक्टेड ने गिरफ्तार कर लिया तो उनके पिता ने अपने पहले के बयानों से इतर मेरे खिलाफ बयान दे दिया राहुस रेवेनेवयू कोर्ट के सामने केजरीवाल ने एनफोर्समेंट डायरेक्टेड पर आरोप लगाया कि एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट आम आदमी पार्टी की छवि को भ्रष्टाचारी होने की छवि में बिगाड़ना चाहती है और बीजेपी के  इशारे पर वसूली करने का रॉकेट चला रही है आगे एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के इस आरोप पर केजरीवाल ने हवाला के जरिए गोवा के विधानसभा चुनाव के लिए साउथ ग्रुप से 100 करोड रुपए लिए थे केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के जज संजीव खन्ना की बात को आधार बनाते हुए कहा कि जस्टिस खन्ना के मुताबिक इस 100 करोड रुपए पर अभी बहस होना बाकी है और उनके और उनके ऊपर यह 100 करोड रुपए लेने का आरोप  अभी तक साबित नही हुया है केजरीवाल के अलावा इस मामले से जुड़े दूसरे आरोपी संजय सिंह को जमानत मिल गई है बीती 9 अप्रेल को जब केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने याचिका दायर कर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने की कोशिश की तो जस्टिस सवर्ण शर्मा ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया और अब 15 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की न्यायीक हिरासत को फिर से 23 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया है आने वाले वक्त में पता चलेगा कि दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी 2021 से जुड़ा यह भ्रष्टाचार का मामला कहां तक पहुंचता है और आने वाले लोकसभा चुनाव पर इसका क्या असर पड़ता है आपको यह सब जानकर कैसा लगा नीचे कमेंट में जवाब दें और आपको यह पोस्ट कैसी लगी अगर पोस्ट पसंद आई पर पोस्ट को लाइक करें और लोगों तक भी इसकी जानकारी साझा करें धन्यवाद      

Mohammed Saleem

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